दन्तेवाड़ा

संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा हलषष्ठी का व्रत
17-Aug-2022 7:47 PM
संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा हलषष्ठी का व्रत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 17 अगस्त। 
संतान की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना को लेकर बुधवार को  बचेली में हलषष्ठी (कमरछठ) का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने व्रत रखकर शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की। सगरी की स्थापना कर कथा सुनी।  

भादपद्र मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाये जाने वाले कमरछठ या हलषष्ठी पर्व पर नगर के गायत्री सत्संग भवन, सुभाषनगर, सतनाम भवन के पास, अयप्पा मंदिर, सीडब्ल्यूएस कॉलोनी, पुलिस थाना कॉलोनी एवं अन्य स्थलों पर महिलाएं एकत्रित होकर सामूहिक रूप से मनाया गया। महिलाएं कुंड बनाकर शिव-पार्वती व गणेश की पूजा कर उनसे आशीर्वाद लिया गया। सगरी बनाकर उसमें भैंस के दूध से बने घी, दही डालकर पूजा की।

इस पूजा के दौरान व्रतधारी महिलाएं पसहर चावल का सेवन किया जाता है। इस पूजा में महिलाएं बिना हल चले अनाज का सेवन करती है। नगर में जगह-जगह पर महिलाएं एकत्र होकर व्रतधारण कर विधि-विधान से पूजा किया। बच्चों को आध्यात्मिक कहानी की पुस्तकंे वितरित किया गया।

इस पर्व में लाई, दोना-पत्तल, फूल व भैंस के दूध, दही का ही उपयोग किया जाता है। हल षष्ठी में जिस चावल से प्रसाद तैयार किया जाता है, उसे पसहर चावल कहते हैं। इसकी खासियत यह है कि बिना जोताई के पैदा होता है। इस दिन गाय के दूध व व दही का सेवन करना वर्जित माना जाता है। इस दिन बिना हल जुता अन्न तथा फल खाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत एवं पूजन से संतान की आयु, आरोग्य एवं ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
 

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