राजनांदगांव

तीन दिन की बारिश से क्षेत्र में तबाही का मंजर
18-Aug-2022 3:12 PM
तीन दिन की बारिश से क्षेत्र में तबाही का मंजर

ग्रामीणों के मकान ढहे व किसानों की फसलें हुई बर्बाद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 18 अगस्त।
अंचल में तीन दिन की बारिश थमने के बाद गांव-गांव में तबाही का मंजर सामने आने लगा है। 72 घंटे रूक-रूककर हुई बारिश ने गरीब व कमजोर वर्ग के लोगों के सामने मुसीबतों का पहाड़ छोड़ दिया है। बारिश रूकने के बाद क्षेत्र के गांवों में कच्चे मकानों के गिरने व क्षतिग्रत होने की समस्याएं सामने आ रही है। इसके अलावा नदी-नालों में उफान व भारी बारिश से फसल को भारी नुकसान होने की खबरें भी सामने आ रही है।

वनांचल में शनिवार सुबह से शुरू हुई बारिश मंगलवार सुबह तक जारी रही। बीते एक दशक में पहली बार ऐसा हुआ कि बारिश निरंतर तीन दिन तक जारी रहा। तीन दिन तक लगातार हुई वर्षा से इलाके के हर गांव से मकान गिरने व मकानों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिल रही है। प्रभावित ग्रामीण शसन से आर्थिक सहयोग तथा राहत राशि प्राप्त करने के लिए पटवारियों व राजस्व अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। वहीं लोगों ने शासन से मदद के लिए क्षेत्रीय विधायक इन्द्रशाह मंडावी, खुज्जी विधायक छन्नी चंदू साहू से संपर्क बनाना शुरू कर दिए हैं।

एक दिन में आए सैकड़ों आवेदन
बारिश थमते ही एक दिन में मुआवजा के लिए पटवारियों के पास सैकड़ों आवेदन पहुंच गए हैं। वहीं ब्लॉक मुख्यालय में राजस्व अधिकारी तहसीलदार प्रीति लारोकर ने माना कि मंगलवार को ही उनके पास बारिश से प्रभावित लगभग सौ आवेदन मिल गए हैं। तहसीलदार प्रीति ने बताया कि उन्होंने तहसील के सभी हल्का में पदस्थ पटवारियों को अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों का सर्वे करने तथा सर्वे रिपोर्ट तत्काल  प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। जिससे प्रभावितों को शासन के गाईड लाइन के तहत मुआवजा दिलाया जा सके।

भड़सेना में दर्जनभर मकान ढहे
ग्राम भड़सेना में बारिश से दर्जनभर ग्राामीणों के कच्चे मकान ढहने की सूचनाएं है। भड़सेना सरपंच मोहनलाल धुर्वे व कांग्रेस नेता दुलार विश्वकर्मा ने बताया कि भारी बारिश से उनके गांव के कई मकान गिर गए। वहीं काफी लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सरपंच ने बताया कि भड़सेना में 72 घंटे हुई बारिश से झरन सिंह, दुलार विश्वकर्मा, महेश करवाडे, मुकिंदराम, जेठूराम, विष्णु, दखने, कुमिंदलाल, पन्नालाल, तातूराम , बंसत नेताम, परसराम, राजाराम आदि के मकान ढहे व क्षतिग्रसत हो गए हैं। प्रभावितों ने मकान मरम्मत व मकान निर्माण के लिए शासन से राहत राशि दिलाने की मांग की है।

बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद
भारी बारिश से शिवनाथ सहित क्षेत्र के नदी-नालों के रौद्र रूप से नदी व नालों के किनारे खेती व सब्जी-भाजी की फसल लेने वाले किसानों की फसलें व सब्जी तबाह हो गई। इसके अलावा हाथीकन्हार, भड़सेना, झिटिया, खडख़ड़ी, खुर्सीटिकुल, घोरदा,  बिहरीकला, पांगरी, डोंगाघाट, नीचेकोहडा, देववाडवी, पटेली, मरारटोला, साल्हे जलहल, पेदलकुही, कुसुमकसा, रंगकठेरा, सांगली, केसला, सिरमुंदा, बोईरडीह, ब्राम्हणभेडी, थुहाडबरी सहित अन्य क्षेत्र के कृषकों की फसलें चौपट हो गई।  प्रभावित किसानों ने शासन से मुआवजा की मांग की है।
 

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