बेमेतरा

माताओं ने व्रत रख की पूजा-अर्चना
18-Aug-2022 3:59 PM
माताओं ने व्रत रख की पूजा-अर्चना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा 18 अगस्त।
  कमरछठ पर संतान की लम्बी उम्र के लिए माताओं ने कमरछठ व्रत रख कर सगरी पूजा कर पर्व मनाया। व्रत के दिन महिलाएं छ: प्रकार की भजिया , पसहर चावल का उयोग करती हैं ं, जिसमें हल का उपयोग न किया गया हो। कासी फूल , महुए का फल  , धान की लाई , भैंस का दूध-दही सहित पुजन सामग्री भगवान शिव को अर्पित कर संतान की लंबी आयु के लिए कामना करती है।


 नगर में 50 से अधिक स्थानों पर सगरी बनाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद महिलाओं ने कथा सुनी।  शहर में बुधवार को पिकरी , मानपुर , नवापारा , ब्राह्मण पारा , पुलिस लाइन , गंजपारा , कृष्णा विहार कॉलोनी , बीटीआई कॉलोनी , शिव मंदिर परिसर समेत अनेक स्थानों पर सगरी तालाब बनाकर विप्रजनों के मार्गदर्शन में पूजा-अर्चना किया गया।


 पंडित श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि भद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। 

धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शेष नाग द्वापरयुग में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में धरती पर अवतरित हुए थे। इन्ही के नाम पर इस पर्व का नाम हल षष्ठी पड़ा। इस दिन बिना हल चले धरती का अन्न व साग ,भाजी खाने का विशेष महत्व रहता है। इसी दिन गाय के दूध-दही का सेवन वर्जित माना गया है। हलषष्ठी व्रतपुजन के अंत मे हलषष्ठी व्रत की छ: कथाओं को सुनकर आरती आदि से पूजन की प्रक्रियाओं को पूरा किया जाता है। पूजा समाप्त होने के बाद माताएं अपने संतानों को पीड़ोड़ी मिट्टी से कंधो पर पोतनी मारकर आशीर्वाद देती है । 

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