महासमुन्द
8 लाख खर्च के बाद भी हालत जस की तस
ब्रेन की नसें परमानेंट डैमेज होने से इलाज मुश्किल-डॉ. सतपथी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,19 अगस्त। चार महीने पूर्व शहर के दादाबाड़ा स्थल पर हुए सार्वजनिक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह कार्यक्रम में करंट लगने से घायल घायल संदीप सेन के पिता रघुराज सेन ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि उनके बेटे के इलाज में अभी तक करीब 8 लाख से अधिक रुपए खर्च हो गया है। लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया है। वह केवल बिस्तर पर आंखें खोले हुए पड़ा है। करंट लगने से उसका कमर, हाथ, पैर व शरीर निष्क्रिय हो गया है।
रघुराज कहते हैं कि उसका बेटा संदीप सैलून चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। चार महीने पूर्व शहर के दादाबाड़ा स्थल पर सार्वजनिक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह कार्यक्रम आयोजित था। यह कार्यक्रम 22 से 30 मार्च तक चला था। आखरी दिन 30 मार्च को समिति की ओर से भंडारा कार्यक्रम था। प्रसाद ग्रहण करने के बाद जब संदीप हाथ धोने गया तो उसे झटका लगा और वह जमीन पर गिर पड़ा। उसने उठने की कोशिश की, लेकिन वह फि र गिर गया जो आज तक नहीं उठ पाया है। इस दौरान संदीप सेन को जोरदार करंट लग गया था। इस करंट से वह इतना गंभीर हो गया है कि वह पूरी दैनिक क्रिया बिस्तर में ही करता है। वह न तो अपने पैरों में खड़ा हो सकता है और ना ही अपने हाथों से खाना खा सकता है। उनके परिजन ही उसका पूरा ध्यान रख रहे हैं।
जानकारी अनुसार इस कार्यक्रम में 5-6 लोग करंट की चपेट में आए थे। लेकिन संदीप अधिक गंभीर हो गया। उसके इलाज के लिए संदीप के पिता रघु संसदीय सचिव से गुहार लगा चुका है, लेकिन किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। उसके पिता ने अब तक संदीप के इलाज के लिए 8 लाख रुपए से अधिक खर्च कर डाला है, लेकिन स्वास्थ्य पर किसी प्रकार की सुधार नहीं आई है। जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. मानस अंकुर सतपथी ने कहा कि यदि जोरदार करंट शरीर में लगता है तो ज्यादातर परमानेंट ब्रेन की नसें डैमेज हो जाती है। ऐसे में उसे रिकवर करने में मुश्किल आती है। यदि परमानेंट डैमेज नहीं होता तो इलाज हो सकता है।