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कोरिया के विभाजन का विरोध, बचाव मंच के लोग हिरासत में
09-Sep-2022 3:20 PM
कोरिया के विभाजन का विरोध, बचाव मंच के लोग हिरासत में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) , 9 सितंबर।
कोरिया जिला विभाजन के बाद उपजे असंतोष व जन भावनाओं के अनुरूप  कोरिया बचाव मंच व आदिवासी समाज कोरिया के द्वारा लगातार मांगों को लेकर संघर्ष करते रहे और अधुरी मांग के बीच नवीन जिला एमसीबी का 9 सितंबर को उद्घाटन कर दिया गया।

इस संबंध में भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी का कहना है कि कोरिया बचाव मंच प्रमुख शैलेष शिवहरे, संयोजक अनिल शर्मा व सर्व आदिवासी समाज कोरिया के विजय सिंह ठाकुर की अगुवाई में पूरे समर्पण के साथ अस्तिव की रक्षा के लिए संघर्ष किया जिसमें शहर के व्यापारी संघ व नागरिगणों के द्वारा योगदान दिया गया। अब कोरिया के विकास के लिए आगे बढकर काम करने की जरूरत है अभी जिन पंचायतों को कोरिया में शामिल होना चाहिए उनके लिए आवाज उठानी चाहिए।

जानकारी के अनुसार कोरिया बचाव मंच, आदिवासी समाज के पदाधिकारियों के द्वारा कोरियागढ़ पहाड़ के कोरिया जिले में शामिल करने की मांग उठाई गयी थी। वहीं खडगवां जनपद क्षेत्र के तीन दर्जन से ज्यादा पंचायतों ने कोरिया में यथावत रहने के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया था  और इसी क्षेत्र से बड़ी संख्या में दावा आपत्ति लगायी गयी थी जिसके निराकरण किये बिना ही नवीन जिला एमसीबी का शुभारंभ कर दिया गया है।

इसके कुछ दिनों पूर्व कोरिया बचाव मंच व सर्व आदिवासी समाज कोरिया के पदाधिकारियों ने सीएम के ाम  कलेक्टर को ज्ञापन देकर अपनी दावा आपत्तियों का निराकण करने की मांग की थी अन्यथा व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर विरोध करने की बातों का उल्लेख किया था लेकिन इसी बीच नवगठित तहसील बचरापोड़ी को कोरिया में यथावत रहने की सूचना के बाद विरोध कार्यक्र्रम स्थगित कर दिया गया।

विरोध में चिरमिरी बंद आमरण अनशन शुरू
नवीन जिला एमसीबी का जिला मुख्यालय की मांग को लेकर गठित चिरमिरी जिला बनाओं संधर्ष समिति के पदाधिकारियों के द्वारा मांगों के समर्थन में लड़ाई जारी रखी है। यहां विरोध में चिरमिरी शहर 9़ सितंबर को बंद का आव्हान किया गया है तथा यहां आमरण अनशन की शुरूआत कर दी गयी। आमरण अनशन में बैठने वालों को देर रात पुलिस उठाकर थाने ले गई। वहीं सुबह से दुकाने बंद करवाने निकले लोगों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया, उसके बाद काफी संख्या में लोग सडक़ पर उतर गए, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें बस में भरकर थाने लेकर आई। लोगों का कहना है कि आमरण अनशन को पुलिस रोकना चाहती है जबकि आमनण अनशन शांतिपूर्ण तरीके से की जा रही है इसके बावजूद पुलिस की उठाकर ले जा रही है जिसे लेकर संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में रोष भर रहा है। लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की।
 

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