गरियाबंद
गंडई में शिक्षकों का सम्मान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गंडई, 10 सितंबर। ब्रम्हकुमारिज उपसेवा केंद्र में 6 सितंबर को शिक्षकों का सम्मान किया गया। इस दौरान स्वर्णिम भारत के लिए नई शिक्षा आध्यात्मिक शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया गया और कहा गया कि भारत को सिरमौर बनाने बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा देना भी जरूरी है। सेवा, समपर्ण और अच्छे संस्कारों से बच्चों को अवगत कराना होगा।
ब्रह्माकुमारीज उपसेवा केंद्र गंडई में 6 सितंबर को स्वर्णिम भारत के लिए नई शिक्षा विषय पर सम्मेलन हुआ। जिसमें ब्रम्हाकुमारी दामिनी दीदी ने कहा कि शिक्षकों का विद्यार्थियों के जीवन, समाज एवं देश में बहुत बड़ा योगदान है। शिक्षक हमारे जीवन को ऊंचाइयों पर ले जाते हैं, शिक्षा में अगर आध्यात्मिक ज्ञान की प्रवाह की जाए तो यह भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिलाएगा एवं ’शिक्षा में नई चुनौतियों के साथ मानवीय मूल्यों, नैतिक मूल्यो हेतु आध्यात्मिक शिक्षा पर जोर दिया, ताकि छात्र अपने सर्वांगीण विकास कर सके।’ इस दौरान शिक्षकों में बलकरण ठाकुर, चंद्रमणि चौबे, सेवानिवृत्त शिक्षक द्वारिका प्रसाद यादव सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे। मंच संचालन प्रथा जयसवाल द्वारा किया गया।