गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 13 सितंबर। द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी का रविवार 99 वर्ष की उम्र में देवलोक गमन हो गया।
पं. ब्रह्मदत्त शास्त्री ने श्रद्धांजलि देते हुए राजिम कुम्भ में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले सन्त समागम में उनकी उपस्थिति को याद किया,
उनके सानिध्य और सेवा के सौभाग्य का सुअवसर बारंबार मिलता रहा, मुक्ताकाशी मंच से संत समागम का उद्घाटन व पादुका पूजन की धार्मिक गतिवधियो से जुडक़र सभी अपनी धन्यता का प्रत्यक्ष अनुभव करते थे, उनको सुनने के लिए लाखों लोग उमड़ पड़ते थे। वे हम सबकी श्रद्धा व आस्था के केंद्रबिंदु थे। अंचल में उनसे सन्यास दीक्षा लिए हुए उनके कृपापत्र शिष्य स्वामी सिद्धेस्वरानंद महाराज ने रुंधे गले से कहा कि आज हम सब अनाथ हो गए हैं। देवरी वाले दाऊ अशोक अग्रवाल का परिवार उनसे दीक्षित है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ से गुरु भगवंत को विशेष लगाव था, उन्होंने यहां तीन आश्रम बनवाए, रायपुर के पास बोरियाकला आश्रम में मां त्रिपुरसुंदरी देवी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा उन्होंने अपने करकमलों से की थी।