कोरिया

दावेदारों में खींचतान, जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछपरख नहीं
19-Sep-2022 4:28 PM
दावेदारों में खींचतान, जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछपरख नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 19 सितंबर
। विधानसभा चुनाव में सवा साल बाकी है, लेकिन भाजपा में अभी से दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। दावेदारों के आपसी खींचतान, और जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछ परख नहीं होने के कारण भाजपा भूपेश सरकार के खिलाफ मुखर नजर नहीं आ रही है।

बीते ढाई वर्ष से भाजपा संगठन में पूर्व मंत्री का दबदबा देखा जा रहा है। पांचवी बार बैकुंठपुर विधानसभा के लिए अपनी दावेदारी जता रहे पूर्व मंत्री के कारण दूसरे दावेदार अब सामने आने लगे है, पूर्व मंत्री समाजिक वोटों का हवाला देकर अब तक 4 बार टिकट प्राप्त कर चुके है जिसमें दो बार जीत और दो बार हार मिली है।

सवाल यह है कि जब समाजिक वोटों के आधार पर जीत मिलती है तो जीत का अंतर 1 हजार वोटों से होकर 5 हजार वोटों से हार क्यों हो जाती है। इस बार उनकी दावेदारी में संगठन के कुछ प्रमुख पदाधिकारी सहभागी बने हुए है। पार्टी संगठन में पूर्व मंत्री के साथ जिला अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष बेहद सक्रिय है। परन्तु बाकि पदाधिकारी सिर्फ नाम मात्र के रह गए है। भाजपा के जिला महामंत्री का कहीं कोई पता नहीं है सिर्फ नाम के महामंत्री बताए जा रहे है। इसके अलावा और भी पदाधिकारियों की कार्यशैली एकदम गुमनामी जैसी देखी जा रही है।

विरोध का स्वर खत्म
मनेन्द्रगढ के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को प्रदेश संगठन ने किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का पदभार दे रखा था, जिसके कारण किसान मोर्चा की ओर से आए दिन सरकार के खिलाफ आंदोलन व विरोध देखा जाता रहा है। हाल ही में हुए बदलाव के बाद किसान मोर्चा का सरकार के खिलाफ आक्रमण ठंडा हो गया है। पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का कहना है कि बीते ढाई वर्ष से ज्यादा समय से कोरिया भाजपा कांग्रेस सरकार के खिलाफ दमदारी से आज तक मैदान में नही उतरी है, भाजपा भरतपुर सोनहत के साथ मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में कांग्रेस की गलत नीतियों के खिलाफ एकदम चुप्पी साधे बैठी है, जबकि यहां मुद्दों की भरमार है। बैकुंठपुर विधानसभा में भी भाजपा संगठन की ओर से कांग्रेस के खिलाफ केाई विरोध की बात नहीं देखी जाती है।

जीत दिलाने वाले गुमनामी में
बैकुंठपुर विधानसभा सहित कोरिया और एमसीबी के कई ऐसे नेता है जिसके कारण भाजपा ने दो बार तीनों विधानसभा को जीता, परन्तु अब ये नेता गुमनामी के अंधेरों में है इनकी पूछपरख ना के बराबर है। जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष फलेन्द्र सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष जवाहर गुप्ता, पूर्व जिला उपाध्यक्ष रविशंकर शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश साहू, भाजपाई नेता कामता प्रसाद तिवारी, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष व जिला उपाध्यक्ष कमलेश यादव, एमसीबी से पूर्व मंडल अध्यक्ष तपन मुखर्जी, पूर्व व्यवसायिक प्रकोष्ठ के कमल केजरीवाल, युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रैना, युवा मोर्चा के पूर्व महामंत्री हरीश शर्मा, पूर्व मंडल महामंत्री अशीष सिंह, युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष संजय सिंह, दो दो बार के जिला महामंत्री रामेश्वर पांडे, जिला विधि प्रकोष्ठ पूर्व अध्यक्ष श्याम बिहारी रैकवार, पूर्व नगर पलिका के प्रतिपक्ष के नेता गुरूचरण सिंह कालरा, महिला मोर्चा पूर्व मंडल अध्यक्ष बलवीर कौर कालरा, झगराखांड के राजेश्वर सिंह, खोंगापानी के अनिल सिंह समेत कई दर्जन नाम ऐसे है जो पार्टी में तो है परन्तु सब के सब हाशिए पर है।
 

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