कोण्डागांव

जल-जंगल यात्रा में सैकड़ों सैलानी हुए शामिल
25-Sep-2022 2:56 PM
जल-जंगल यात्रा में सैकड़ों सैलानी हुए शामिल

15 किलोमीटर पैदल चलकर जड़ी-बूटी सहित झरना का भी उठाएं लुफ्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 25 सितंबर।
स्थनीय युवाओं के द्वारा जल जंगल यात्रा का आयोजन किया  गया । जिसके तहत 150 से अधिक पर्यटकों के द्वारा टाटामारी पर्यटन स्थल के नीचे लगभग 15 किलोमीटर  ट्रेकिंग कर जंगलों में मिलने वाला जड़ीबूटियों के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हुए खूब लुफ्त उठाएं।

केशकाल के युवा रिजवान खान और लाल बहादुर एवं सराईगुड़ा संस्थान के सदस्यगण के द्वारा कुछ वर्षों से लगातार पर्यटक को केशकाल क्षेत्र के जितने भी पर्यटन स्थल है उसके बारे में व उन तक पहुंचने के लिए गाइड के रूप में कार्य कर रहे हैं । साथ ही समय-समय पर नगर के युवाओं को ट्रैकिंग में भी ले जाते हैं । इससे पहले भी दो बार केशकाल के सैकड़ों लोगो को ट्रैकिंग करवा चुके हैं । इको पर्यटन केंद्र टाटामारी के नीचे जंगलो सुबह सुबह ट्रैकिंग करते हैं । पहली बार ट्रैकिंग का कार्यक्रम वन मंडल के तत्वधान में तत्कालीन डीएफओ धम्मशील गणवीर के मार्गदर्शन में प्रारंभ किया गया था जिसके बाद स्थानीय युवाओं और व्यापारियों के सहयोग से तीसरी बार आयोजन कराया गया ।

केशकाल व आस-पास क्षेत्र के 150 युवा युवतियों इस रैली में शामिल हुए । सभी लोगों ने लगभग 15 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया। टाटामारी के एक छोर से नीचे उतरते हुए जंगल के रास्ते मे आने वाले उतार-चढ़ाव को पार करते सफर को तय किए इस दौरान वेद राज के द्वारा जंगलों में मिलने वाले जड़ी बूटियों व जंगली जानवरों के पद चिन्ह के बारे में अवगत कराया गया । जंगलों के बारे में जानकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला । यात्रा के दौरान सभी सैलानियों को 4-5 समूहों में बांट दिया गया था  तथा प्रत्येक समूह के साथ एक वैद्यराज चल रहे थे और वनस्पतियों व पर्यावरण से सम्बंधित जानकारी देते रहते थे।

इस यात्रा में शामिल हुए नगरवासी भूपेश चंद्राकर ने बताया कि केशकाल में तीसरी बार ट्रेकिंग का आयोजन हुआ है । इस जल जंगल यात्रा से हमे जंगलों में मिलने वाली औषधि जीव जंतुओं का पद चिन्ह व झरना के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला है। इस यात्रा से हमारा अनुभव बहुत अच्छा रहा और हम यही आशा करते हैं कि आयोजनकर्ता इसी प्रकार से कार्यक्रमों का आयोजन करता रहे।  

डॉ. संकेत तिवारी ने भी बताया कि युवाओं के द्वारा जिस प्रकार से ट्रैकिंग करवाया जाता है वह काबिले तारीफ है ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के साथ बाहर से आए पर्यटकों को इन जगहों के बारे में जानकारी देना एक अलग अनुभव मिलता है ।

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