कोण्डागांव
कोण्डागांव, 25 सितंबर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव वं आकांक्षी जिले कार्यक्रम में कोण्डागांव के प्रभारी केंद्रीय सचिव विकास शील ने जिले के विकास कार्यों की समीक्षा हेतु जिले के सभी जिला अधिकारियों की बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने मलेरिया मुक्त बस्तर, अनीमिया मुक्त कोण्डागांव, संस्थागत प्रसव, सूक्ष्म सिंचाई, विद्युत व्यवस्था, मृदा स्वास्थ्य, सिंचाई व्यवस्था, अंदरूनी क्षेत्रों में रोड निर्माण, जलजीवन मिशन, पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान, कौशल विकास आदि पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फोर्टिफाइड चावल वितरण के 3 वर्ष पूरे होने पर उसके प्रयोग और उनका जिले के लोगों के पोषण स्तर पर पड़े प्रभावों का सर्वे कराकर उसे प्रचारित करने के साथ फोर्टिफाइड चावल के प्रयोग के दौरान लोगो के मध्य फैली भ्रांतियों व उसके सही तरीके से प्रयोग को प्रोत्साहित करने को कहा, इसके लिए गैर सरकारी संस्थाओं की सहायता ली जा सकती है।
इस दौरान उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन, क्लोरिनेटर, पंप मैकेनिक और पंप ऑपरेटर के लिए आवश्यक मानव संसाधन के लिए लाइवलीहुड कॉलेज के माध्यम से सर्टिफाइड कोर्स कराकर, उनकी प्लेसमेंट गांवों में मिशन के संचालन हेतु करने और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को गांव के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों व अधिकारियों को जल जीवन मिशन के कार्यों के निरीक्षण, संचालन, प्रबंधन का प्रशिक्षण देने को कहा।
जलजीवन अंतर्गत जलप्रदाय को लेकर ग्रामीणों से की चर्चा
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत कोण्डागांव के प्रभारी केंद्रीय सचिव विकासशील द्वारा दूधगांव पहुंचे। जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम में निर्मित परियोजना के संबंध में ग्रामीणों से चर्चा की साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से पानी की उपलब्धता और उसकी गुणवत्ता के संबंध में जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा पानी प्रदाय के समय को लेकर केंद्रीय सचिव के समक्ष सुधार हेतु अपील की गई। जिस पर केंद्रीय सचिव द्वारा पानी प्रदाय का समय सुबह 6 बजे कर स्थानीय युवा को इस कार्य हेतु नियुक्त करते हुए, पानी की गुणवत्ता जांच हेतु बनाए गए लैब के कर्मचारियों से भी बात की। केंद्रीय सचिव द्वारा पानी में अशुद्धि पाए जाने पर उसके निराकरण हेतु एक व्यवस्थित कार्य प्रणाली विकसित करने और ऐसे जल की ग्राम स्तर पर की गई जांच के उपरांत शिकायत पर 24 घंटे के अंदर जिला स्तरीय दल द्वारा इसकी जांच कराने के निर्देश दिए।
विभागीय अधिकारियों को गांव में जल जीवन मिशन के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए वित्तीय प्रबंधन व रखरखाव की व्यवस्था हेतु, स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण उपरांत रोजगार देने को कहा। इस अवसर पर कलेक्टर दीपक सोनी, जिला पंचायत सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा, अधीक्षण अभियंता बारापात्रे, कार्यपालन अभियंता एच एस मरकाम, सीएमएचओ डॉ टी आर कुंवर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।