बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 26 सितंबर। संभाग स्तरीय आदिवासी नृत्य प्रतियोगिता में सुकमा जिले के छिंदगढ़ से आए धुरवा नर्तकों ने मंडई नृत्य का प्रदर्शन कर सबका मन मोहा और प्रतियोगिता के विजेता बने। वहीं दूसरे स्थान पर बस्तर जिले के किलेपाल के गौर सिंग नर्तक और तीसरे स्थान पर बस्तर जिले के ही नेगानार के धुरवा नर्तक रहे, जिन्होंने लेेजा परब नृत्य का प्रदर्शन किया। रविवार को आसना स्थित बादल अकादमी में आयोजित संभाग स्तरीय आदिवासी नृत्य प्रतियोगिता में 13 दल शामिल हुए।
इनमें कोंडागांव जिले के केशकाल के नर्तकों ने हुल्की मांदरी नृत्य, किवई बालेंगा के नर्तकों ने ककसाड़ नृत्य, बीजापुर जिले के अंबेली के नर्तकों ने गौर सिंग नृत्य, चेरपाल के नर्तकों ने गंवर मार नृत्य, सुकमा जिले के छिंदगढ़ के नर्तकों ने गेड़ी और धुरवा मंडई नृत्य, नारायणपुर के नर्तकों ने कोकरेंग मांदरी नृत्य, दंतेवाड़ा के कुवाकोंडा के नर्तकों ने गंवर सिंग नृत्य, कांकेर के नर्तकों ने देव नृत्य तथा बस्तर जिले के नेगानार के नर्तकों ने लेजा परब व किलेपाल के नर्तकों ने गौर सिंग नृत्य का प्रदर्शन किया।