कोरबा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 26 सितंबर। कोरबा के तिलकेजा स्थित स्कूल में उस वक्त वक्त हडक़ंप मच गया जब आठवीं कक्षा के छात्र अजय यादव बदहवास हालत में भागते हुए प्राचार्य के पास पहुंचा और बताया कि उसका अपहरण हो गया था। बाइक सवारों ने उसे चाकू की नोक पर अपने साथ बिठा लिया था। किसी तरह वह उनके चंगुल से भाग आया है।
छात्र जब स्कूल पहुंचा तो 10.30 बजे थे, जबकि यहां तिमाही परीक्षा चल रही है, जो 9.30 बजे से शुरू हो चुकी थी। अपहरण की बात सुनकर प्राचार्य एल के श्रीवास्तव और स्कूल के स्टाफ सन्न रह गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को खबर की। पुलिस टीम मौके पर पहुंची। उसने अजय को सामने बिठाकर पूरी घटना के बारे में सिलसिलेवार पूछा। वह उन्हें भी वही कहानी सुनाने लगा, लेकिन घटनाक्रम को साफ नहीं कर पाया। न ही ठीक तरह से अपहरण करने वालों का रास्ता और उनका हुलिया बता पाया। वह यह भी नहीं बता सका वह कि चाकू की नोक पर अपहरण करने वालों से कैसे बचकर भागा। संदेह होने पर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की गई, तब अजय ने सच उगल दिया। उसने बताया कि वह 10-12 दिन से स्कूल नहीं आ रहा था।
परीक्षा की उसने तैयारी भी नहीं की थी। वह आज परीक्षा नहीं देना चाहता था। इसलिए उसने अपहरण की झूठी कहानी बनाई। उसने बताया कि वह घर से ही देर से निकला। सडक़ पर दो बाइक सवार दिखे तो उनसे लिफ्ट मांगा। वह दोनों के बीच में बैठ गया, ताकि बाद में किसी देखने वाले से पूछताछ हो तो अपहरण जैसा बता सके। दोनों बाइक सवार उससे रास्ते में स्कूल के बारे में पूछते रहे लेकिन इस रास्ते पर स्कूल तो था ही नहीं। तब बाइक सवारों ने एक जगह पर उसे उतार दिया। अजय ने देखा कि अब परीक्षा देने का समय बीत रहा है तो वह स्कूल आ गया और डांट से बचने के लिए उसने मनगढ़ंत कहानी बता दी।
पुलिस ने पालकों को बुलाकर बच्चे को उनके सुपुर्द किया। छात्र को समझाइश दी गई कि इस तरह की गलती आगे न करे।