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बस्तर में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर-केदार कश्यप
27-Sep-2022 8:48 PM
बस्तर में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर-केदार कश्यप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 27 सितम्बर।
भाजपा प्रदेश महामंत्री व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने मीडिया को जारी बयान मे स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था को लेकर राज्य की भूपेश सरकार पर निशाना साधते हुये  कहा की बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में मानसून के दौरान तथा उसके बाद कई संक्रामक जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है।यह तथ्य किसी से छुपा नही है फिर भी जिस तरह से वनवासी लोगो की जान से खिलवाड़ हो रहा है,वो बेहद निराशाजनक है।

श्री कश्यप ने कहा कि अभी हाल ही मे कई समाचार पत्रों मे इस प्रकार के कई समाचार प्रकाशित हुये है जिन्हें यदि सच माना जाये तो वास्तव में वर्तमान भूपेश सरकार के तमाम दावों की पोल खोलते नजर आते है। यह सरकार जब सत्ता मे आयी भी तो इन्होने राइट टू हेल्थ की बात की,स्वास्थ सेक्टर में निवेश की बात हुई किन्तू आज की वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है तथा बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को खुद वेंटीलेटर की आवश्यकता है। दंतेवाड़ा के बड़े गुडऱा में बीमारी से मौतें हुई हैं ,  बस्तर जिले के राजपुर में भी 3- 4 मौतों का मामला सामना आया है ,और कई लोग गंभीर स्थिति में हैं । कमोबेश यही स्थिति पूरे संभाग में हैं । सरकार की लापरवाही की वजह से लचर स्वास्थ्य सुविधाओं ने आदिवासियों को कालकवलित किया है और ये सरकार आदिवासी भाइयों को सुविधाएं देने नाकाम साबित हो रही है।

श्री कश्यप ने कहा हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस ने लोगो के साथ विश्वासघात किया है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में हुई कई मौतों को कथित तौर पर अज्ञात बीमारी बताकर इन मौतों पर पर्दा डालने तथा सरकार की नाकामी छुपाने के लिए लीपापोती की जा रही है। इसी प्रकार सुकमा जिले में भी स्वास्थ्य सुविधाओ की कमी व लचर व्यवस्था के कारण पिछले ढाई वर्षो में 65 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। इस जिले से सरकार के एक कद्दावर मंत्री भी आते हैं जिन्हें यह ज्ञात होगा कि उनके क्षेत्र मे प्रत्येक तीन मे से दो को अनीमिया की शिकायत है।तथा कुपोषण का भी यही हाल है। सुकमा में कुल मौतों में से एक तिहाई मौते केवल अनीमिया से हुई है। कफन की मांग बढऩे से जागी सरकार का यह कृत्य माफी योग्य नही है , जनता ने इस सरकार का घिनौना चेहरा देखा है । यदि राज्य सरकार गंभीर होती तो इन लोगों को मरने से बचा जा सकता था। पूरे प्रदेश में आज स्वास्थ्य सेवाओं का हाल ऐसा ही है। स्वास्थ्य विभाग में लंबित रिक्तियों को भरने की जरूरत है तथा हेल्थ सेक्टर में ढांचागत सुविधाओं के विस्तार एवं प्रबंधन पर सरकार को निवेश करना होगा। किन्तू  राज्य सरकार तथा सरकारी खजानो का हाल देखकर  ऐसा करना वर्तमान सरकार के लिए प्राथमिकता में शामिल है और न ही इनके लिए ऐसा करना संभव है।

श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर संभाग में तमाम मौतों के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री जी कानों जूं नहीं रेंग रही है  मंत्री जी अपनी राजनीतिक लड़ाई में ब्यस्त हैं , जनता के स्वास्थ्य की चिंता छोड़ मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अपने निजी अहम की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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