रायपुर
रायपुर, 28 सितंबर। राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ जी महाराज ने कहा कि जीवन बांसुरी की तरह है, जिसमें बाधाओं रूपी कितने भी छेद क्यों ना हों ,लेकिन जिसको उसे बजाना आ गया, समझ लीजिए उसी जीना आ गया। उन्होंने कहा कि लोग कैसा जीवन जीते हैं उसे देख कर मत जियो, बल्कि जैसा जीवन जीना श्रेष्ठ होता है वैसा जिओ ।अच्छा जीवन तो खुद को भी अच्छा लगता है और दूसरों को भी।
संत प्रवर सोमवार को श्री श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ द्वारा विवेकानंद नगर स्थित जैन मंदिर के विशाल प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय प्रवचन माला के पहले दिन जीवन जीने की कला पर श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन को सुकून भरा बनाने के लिए 5 मंत्र अपने साथ जोड़ सकते हैं
पहला है विचार शैली को पॉजिटिव बनाएं ताकि आपके व्यवहार में हमेशा माधुर बना रहे।दूसरा जीवन में जो मिल रहा है उसका स्वागत कीजिए शिकायत मत कीजिए क्योंकि शिकायत आपके मन को हमेशा दुखी करती रहेगी। तीसरा जीवन में संतुष्ट रहने की आदत डालिए दुनिया में किसी को क्या मिल रहा है यह देख कर अपने मन को निराश करने की वजह एक बात हमेशा याद रखिए कि भगवान ने जो दिया है वह भाग्य से ज्यादा दिया है।
चौथा सूत्र देते हुए संत श्री ने कहा कि मुस्कुराने के अवसर हमेशा तलाश थी रहिए मुस्कुराता हुआ इंसान जहां रहता है वही स्वर्ग होता है। पांचवा मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि जिंदगी में कभी लोग ना लें और जो प्राप्त है वह पर्याप्त है अगर यह बातें हमारे जीवन में उतर जाती हैं तो हम मानसिक रूप से तो स्वस्थ रहेंगे ही और हमारा जीवन स्वर्ग और सुकून से भर जाएगा।
कार्यक्रम में साध्वी श्री शुभकंरा श्री जी महाराज साहब ने भी श्रद्धालु भाई बहनों को धर्म लाभ प्रदान किया।
गणमान्य जनों ने प्रज्जवलित किया ज्ञान दीप
चातुर्मास समिति विवेकानंदनगर के श्यामसुंदर बैदमुथा, पुखराज मुणोत, मांगीलाल बरडिय़ा व महेंद्र सराफ ने बताया कि धर्मसभा का शुभारंभ गजराज पगारिया, कस्तूरचंद बुरड़, मानकचंद बाघमार, गौतम गोलछा, अनिल लोढ़ा व स्वरूपचंद श्रीश्रीमाल के हाथों दीप प्रज्जवलन से हुआ। धूप दर्शन का सौभाग्य श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली व ट्रस्टी राजेंद्र गोलछा को प्राप्त हुआ। ऋषभ बहु मंडल ने स्वागत गीत की मधुर प्रस्तुति दी। सभा संचालन सुरेश बरडिय़ा ने किया। राष्ट्रसंतों के प्रवचन मंगलवार को भी विवेकानंद नगर स्थित जैन मंदिर के विशाल प्रांगण में सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक होंगे।