महासमुन्द

14-15वें वित्त आयोग की राशि में गड़बड़ी
29-Sep-2022 4:50 PM
14-15वें वित्त  आयोग की राशि में गड़बड़ी

जांच में सहयोग नहीं करने के बाद भी जिपं ने आरोपी सचिव को किया पुन: बहाल

जांच टीम बनी, सचिव को निलंबित किया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा,  29 सितंबर।
पंचायत विभाग में एक और भारी गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच का सामना कर रहे निलंबित पंचायत सचिव बगैर किसी को पंचायत प्रभार सौंपे एवं जांच टीम को पूरी तरह नजर अंदाज करने के बाद भी जिला पंचायत द्वारा पुन: बहाल कर दिया।  पूरे मामले के बारे में बोइरलामी की महिला सरपंच मालती कुमार ने पंचायत सचिव बोईरलामी वृंदावन विश्वकर्मा पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

बोईरलामी सरपंच मालती कुमार एवं ग्रामवासियों द्वारा लगातार 9 वर्षों तक बोइरलामी में कार्यरत रहे पंचायत सचिव वृंदावन विश्वकर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को 13 सितंबर को एक पत्र लिख कर गड़बड़ी करने वाले पंचायत सचिव पर कार्रवाई की मांग की थी।

शिकायत पत्र में सरपंच एवम ग्रामीणों ने लिखा है कि सचिव विरुद्ध 14वें वित्त, 15वें वित्त आयोग की राशि से बिना कार्य कराए फर्जी प्रस्ताव बनाकर नाली निर्माण, कोटना निर्माण जैसे अनेकों कार्यों की राशि स्वयं एवं अपने करीबियों के नाम पर सरपंच की डी.एस.सी का उपयोग करते हुए राशि आहरण किये जाने की शिकायत की गई थी।

शिकायत के बाद पिथौरा जनपद अधिकारी की अनुशंसा पर जिला पंचायत द्वारा बोइरलामी सचिव को निलम्बित कर दिया गया। इसके बाद पूरे मामले की जांच हेतु 3 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई,  परन्तु समिति द्वारा सचिव को नोटिस के बाद भी सचिव जांच में उपस्थित नहीं हुए, वहीं दूसरी ओर स्थानीय जनपद की अनुशंसा पर जिला पंचायत द्वारा सचिव वृंदावन विश्वकर्मा को निलंबित किया गया।

तीन माह में न प्रभार दिया न जांच में सहयोग
सचिव के निलंबन को 3 माह बीत जाने के बाद भी आज तक न तो सरपंच एवं ग्रामवासियों द्वारा की गई शिकायत की जांच की गई और न ही पूर्व सचिव वृंदावन विश्वकर्मा द्वारा वर्तमान पदस्थ सचिव क्लेश कुमार महेश्वरी को प्रभार  सौंपा गया।  ज्ञात हो कि ग्रामीणों के प्रमाणित गड़बड़ी की शिकायत की जांच हेतु बकायदा एक टीम तो बनाई गई, परन्तु इस जांच टीम के बार बार नोटिस के बाद भी सचिव द्वारा जांच टीम को कोई सहयोग नही किया गया और ना ही कोई दस्तावेज दिखाए गए।

जांच में असहयोग,परिणाम पुन: बहाली
इधर ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर स्थानीय जनपद द्वारा जांच हेतु बनाई गई टीम के सामने उपस्थित नहीं होने एवं सहयोग नही करने के बस भी स्थानीय जनपद पंचायत की अनुशंसा पर सचिव को बहाल कर दिया गया। इस कार्रवाई से सचिव की राजनीतिक पहुंच ने ग्रामीणों की पूरी शिकायत ही निरस्त कर ग्रामीणों में खलबली मचा दी है।

जिला पंचायत ने किया बहाल, जांच टीम बेहाल
गड़बड़ी के गम्भीर आरोपों से घिरे विवादित पंचायत सचिव को पहले निलंबित करने की अनुशंसा करने वाली स्थानीय जनपद ने अब अचानक विवादित सचिव को बहाल करने की अनुशंसा कर दी जिससे जिला पंचायत द्वारा सचिव को पुन: बहाल कर अनुशासन हीनता के बाद भी प्रभार दे दिया गया।

इस संबंध में स्थानीय जनपद सी ई ओ सनद महादेवा ने ‘छत्तीसगढ़’को बताया कि बोइरलामी सचिव के विरुद्ध गड़बड़ी की शिकायत के बाद जांच टीम बनाई गई है जो जांच कर रही है।

पूरी पंचायत की जांच की जाएगी-जिला सीईओ
उक्त मामले में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस. आलोक ने बताया कि पिथौरा जनपद की अनुशंसा पर ही पहले निलंबित और अब बहाल भी किया गया है। उक्त सचिव के विरुद्ध भारी गड़बड़ी की शिकायत को अब गम्भीरता से लिया जा रहा है। पूरी ग्राम पंचायत की ही जांच करवाई जाएगी क्योंकि निलंबन बाद में नियुक्त सचिव सोनी के विरुद्ध भी ग्रामीण शिकायत कर रहे थे, इसलिए पूरी पंचायत की जांच आवश्यक है।
 

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