रायगढ़

नवरात्र में होती है सर्पदेवी की पूजा
30-Sep-2022 5:07 PM
नवरात्र में होती है सर्पदेवी की पूजा

छग व ओडिशा सीमा पर भक्तों का संयुक्त आयोजन 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 सितंबर।
छतीसगढ और ओडिशा सीमा पर स्थित साँपखण्ड जंगल मे नवरात्रि पर सर्पदेवी की पूजा की जाती है। देवी के 9 रुपों के अलावे माता सांपखंडिन देवी की भी विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। 

दो राज्यों के भक्तों की एक समिति गठित की गई है जिसका संचालन इस समिति के माध्यम से की जाती है। नवरात्र के प्रथम दिवस से लेकर अंतिम 9वीं तिथि तक भंडारा चलता है वही  पूर्णाहुति पर रावण दहन के साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम ,भजन कीर्तन ,नृत्य व खेलकूद यहाँ संपादित होते हैं। छत्तीसगढ़ से रायगढ़ विधायक, जनप्रतिनिधियों के अलावा ओडिशा के विधायक व जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर लोगो की आस्था व माता सांपखंडिन देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

संपखण्डिन देवी को लेकर एक मान्यता व किवदंती है। स्थानीय लोगो के अनुसार लगभग 200 साल पहले सांपखण्ड जंगल के रास्ते एक ग्वालिन दूध-दही बेचने सिर पर मटका लेकर रोज जाया करती थी। दो पहाड़ो के बीच जंगली पगडंडियों की रास्ता रहा है, जैसे ही ग्वालिन जंगल मे प्रवेश करती एक पहाड़ी के गुफा से एक भयानक सांप निकलता और ग्वालिन के मटके की दूध पी जाता। ग्वालिन खाली हाथ घर लौट जाती यह बात  ग्वाला को बतायी। 
एक दिन ग्वाला, ग्वालिन के पीछे पीछे हो लिया, जैसे ही सापखण्ड जंगल पहुंचे ,पहाड़ी के खोह से एक विशालकाय सांप निकला और ग्वालिन के सिर पर रखे मटकी से दूध पीने लगा। यह देख ग्वाला अचंभित हो गया और अपने साथ रखे टंगिया से सांप के सात टुकड़े कर दिए। फिर क्या था, सांप के सातों टुकड़े पत्थर में तब्दील हो गए। 

इनमें से एक पत्थर जो सांप के सिर माना जाता है ,उसकी पूजा ग्रामीण करते आ रहे हैं। 

पहले जंगल के रास्ते चलने वाले राहगीर वहाँ श्रध्दा स्वरूप मत्था टेक कर ही जाते या फिर कुछ न मिले तो कंकड़ या पेड़ के डगाल ही आस्था मानकर चढ़ाते थे ,ऐसा न करने पर अनिष्ट की आशंका बनी रहती थी। अब यह जगह धार्मिक आस्था का केंद्र बन गया है। 
 

हर वर्ष शारदीय नवरात्र हो या चैत्र नवरात्र, नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाई जाती है। छतीसगढ़ व ओडिशा के लगभग 50 से अधिक गांव के लोग इस स्थल पर जमा होकर पूजन अर्चन कर भंडारे में शामिल होते हैं। वैसे हरदिन भंडारा चल रहा है। दशहरे के दिन रावण दहन किया जावेगा और महा भंडारे का आयोजन किया गया है। आयोजन समिति की ओर से सनत कुमार, सुभाष सा, सामिल यादव ,निलाम्बुज सा प्रदीप गुप्ता सहित सैकड़ों कार्यकर्ता  सफल आयोजन के लिए लगे हुए हैं।

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