राजनांदगांव
रसोई से धनिया की महक गायब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 अक्टूबर। सब्जी-तरकारी के दाम बेतहाशा बढ़ गए हैं। धनिया पत्ती से लेकर दूसरी सब्जियों के दाम ने लोगों का दम निकाल दिया है। महंगी सब्जी खरीदने के दौरान लोगों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सिलसिलेवार हो रही बारिश ने लोकल सब्जियों की पैदावार को खराब कर दिया है।
देशी सब्जी के सीजन में लोगों को अभी भी दूसरे राज्यों से आने वाली तरकारियों के भरोसे भोजन करना पड़ रहा है। आलम यह है कि खराब मौसम के कारण धनिया की पैदावार लगभग नष्ट हो गई है। स्थानीय बाडिय़ों में धनिया की फसल खराब होते देखकर कारोबारी घाटे की भरपाई के लिए महंगे दाम पर कारोबार कर रहे हैं। फुटकर व्यापारियों को थोक में महंगे दाम पर सब्जी मिल रही है। मौजूदा समय में ज्यादातर सब्जियां 80 रुपए प्रति किलो है। धनिया पत्ती बाजार में दो सौ रुपए प्रति किलो हो गई है। दाल के शौकीन लोगों को बिना धनिया पत्ती के ही खाना मिल रहा है। गृहणियों को महंगे सब्जियों ने परेशान कर रखा है। एक तरह से धनिया पत्ती की महक रसोई से गायब हो गई है। बारिश थमने के बाद ही बाजार में धनिया पत्ती की आवक तेज होगी। इधर देशी ग्वांरफल्ली सौ रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। टमाटर के दाम 40 से 50 रुपए किलो, खीरा भी बाजार में 40 रुपए कीमत पर बिक रहा है।
सब्जी-तरकारी की खरीदी करने पहुंचे लोगों को पत्तीदार सब्जियां भी महंगी मिल रही है। चौलाई, लाल, पालक और अन्य पत्तीदार सब्जियों की कीमतें बढ़ गई है। ऐसे में हाल ही में कुछ सब्जियां गायब हो गई है। सब्जी-तरकारी के दाम ने गरीब तबके को भी परेशान कर रखा है। फुलगोभी, पत्तागोभी के अलावा देशी सेमी को खाने के लिए लोगों को सोचना पड़ रहा है। बाजार में कीमतें बढ़ी होने से लोगों की थैली आधी दिख रही है। बहरहाल धनिया पत्ती की कीमत सुनकर लोग अचरज में है। वहीं दूसरी सब्जियों के बढ़े भाव ने मध्यम वर्गीय परिवार की आर्थिक दुश्वारी बढ़ा दी है।