धमतरी
वर्चुअल शामिल होकर सीएम ने किया शिलान्यास
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 3 अक्टूबर। जिले का पहला औद्योगिक पार्क का काम अछोटा में रविवार को शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वर्चुअल रूप में शामिल हुए। इसका शिलान्यास किया। वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल सीएम ने भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जो ग्राम स्वराज का सपना देखा था, उसे धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के तहत काम कराए जा रहे हैं। गोधन न्याय योजना के गौठानों में गोबर खरीदने के साथ ही गोबर से खाद और अन्य उत्पाद भी महिला समूह तैयार कर रही है। आज रीपा उसी कड़ी में और एक कदम है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए बजट में 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। रीपा विकसित होने से स्थानीय जरूरत और बाजार की संभावनाओं के आधार पर अनेक उद्यम स्थापित होंगे। लोगों को रोजगार, स्वरोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर व्यक्ति के जीवन में बेहतर बदलाव आए, इस दिशा में प्रदेश सरकार आगे भी काम करेगी। वर्चुअली रूप में शामिल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
कलेक्टर ने बताया पार्क विकसित करने का उद्देश्य
अछोटा में हुए कार्यक्रम में शिलान्यास से पहले कलेक्टर पीएस एल्मा ने ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित करने के उद्देश्य बताए। कहा कि इससे ग्रामीण परिवेश में काम के मौके बढ़ेंगे। अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। गांव आत्मनिर्भर बनेंगे। कार्यक्रम में पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा, नगरी विधायक डा. लक्ष्मी ध्रुव, जिला महापौर विजय देवांगन, कांग्रेस जिला अध्यक्ष शरद लोहाना, पीपीसी सदस्य मोहन लालवानी, जि़ला पंचायत सदस्य कविता बाबर, सरपंच अछोटा अरुण देवांगन, जिला पंचायत व जनपद के जनप्रतनिधि मौज्ूद रहे।
अछोटा, भटगांव, हंचलपुर, गातापार, भेण्ड्री, खिसोरा, सांकरा, गट्टासिल्ली। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में छोटे-छोटे उद्योग शुरू किए जाएंगे। अब तक गोठानों में गोबर खरीदी, वर्मी खाद बनाना व व्यवस्था के मुताबिक मछली पालन, मुर्गी पालन, सब्जी बाड़ी सहित इसी तरह के काम कराए जा रहे हैं। इन कामों में लगे स्वसहायता समूह की आय बढ़ी है। अब गोठानों को छोटे उद्योग स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें आम आदमी के दैनिक जीवन से जुड़े खाद्य पदार्थ सहित अन्य उत्पादन किए जाएंगे। इनमें कुटीर उद्योग प्रमुख होंगे। उत्पादन बेचने बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। मशरूम और स्पान उत्पादन, दाल मिल एवं मसाला उद्योग, दोना-पत्तल निर्माण इकाई जैसे छोटे-छोटे काम कराए जाएंगे, जिनसे आय के साथ रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे।