कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 2 अक्टूबर। भाजपा नेताओं ने प्रेस वार्ता कर भूपेश सरकार और कांग्रेस को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी समाज के आरक्षण को लेकर राज्य सरकार राजनीति कर रही है।
प्रेस वार्ता में कहा कि उच्च न्यायालय में भूपेश बघेल सरकार द्वारा आदिवासियों के पक्ष में ठीक से बात नहीं रख पाने के कारण लोक सेवा आरक्षण संशोधन विधेयक अपास्त हो गया है। आदिवासियों के 32 आरक्षण पर कांग्रेस सरकार की नाकामी के गंभीर दुष्परिणाम अब सामने आने लगे है। बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में 2012 से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्तियों में जो स्थानीय निवासियों द्वारा ही भरा जाना अनिवार्य था। इस कांग्रेस सरकार द्वारा आदेश निकालकर छीन लिया गया है। इसके लिए स्पष्ट रूप से भूपेश सरकार जिम्मेदार है। आदिवासियों के कल्याण उनके उत्थान के आप विरोधी है, विगत चार सालों में छत्तीसगढ़ की जनता यह जान चुकी है। आरक्षण के अलावा शासकीय कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण पर भी राज्य सरकार की नाकामी सबके सामने है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से जनजाति वर्ग के हमारे कर्मचारियों को पदोन्नति में भी लाभ मिलना बंद हो गया है। इसी प्रकार डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली हमारी भाजपा सरकार ने 2017 में 22 जनजाति समूह के स्वरात्मक और मात्रात्मक त्रुटि को दूर करते हुए उन्हें जनजाति प्रमाण पत्र देने की सुविधा प्रदान की थी, इस पर भी भूपेश बघेल की सरकार उच्च न्यायालय में बचाव नहीं कर पाई और ये आदेश भी निरस्त हो गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य लता उसेंडी, जिला अध्यक्ष दीपेश अरोरा, प्रदेश मंत्री अनु.जनजाति मोर्चा संगीता पोयाम, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रवीण सिंह बदेशा, हरिशंकर नेताम खेमचंद नेताम, संजू पोयाम, जिला अध्यक्ष अनु जनजाति मोर्चा प्रशांत पात्र, जिला अध्यक्ष भाजयुमो गणेश दुग्गा, हेमचंद देवांगन, परदेशी राम नाग, महेश नेताम, कृष्णा पोयाम, प्रदीप नाग, सुकलाल मरकाम, शिव प्रसाद नेताम, चिंतामणि नेताम, मंजुलता मरकाम, यतींद्र सलाम, बलि कोर्राम, बलदेव नेताम, दिनेश नेताम, जसवंत नेताम व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
8 को भाजपा करेगी विरोध प्रदर्शन
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा आगामी 8 अक्टूबर को बस्तर, सरगुजा और दुर्ग संभाग में एनएच पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया जायेगा। 9 अक्टूबर से जनजाति बहुल क्षेत्रों में ग्राम संपर्क अभियान चलाकर गांव गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। 13 से 18 अक्टूबर तक कांग्रेस के जनजाति समाज के विधायक और सांसद के निवास का घेराव कर उसे इस मुद्दे पर जवाब मांगा जाएगा।