जान्जगीर-चाम्पा

गोठानों के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत
04-Oct-2022 3:23 PM
गोठानों के निर्माण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत

गोधन न्याय योजना से जोडक़र गोबर खरीदी, आजीविका गतिविधियों का किया जा रहा संचालन

जांजगीर-चांपा, 4 अक्टूबर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के माध्यम से जिले में गायों के लिए गोठान बनाए गये है और लगातार बनाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से गायों के संरक्षण एवं उन्हें सुव्यवस्थित स्थान मुहैया कराने, किसानों की फसलों को गायों से चरने से बचाने के लिए जिले में 537 ग्रामीण, 17 शहरी एवं 12 आवर्ती चराई के लिए गोठान की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 419 ग्रामीण, 17 शहरी एवं 12 गोठानों को पूर्ण किया गया। गोठानों का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए इनमें गोठान समिति बनाई गई हैं। इसके बाद इन गोठानों को गोधन न्याय योजना से जोड़ते हुए गोबर की खरीदी, आजीविका विकास गतिविधियों के सफल संचालन से महिलाओं, युवाओं, ग्रामीणों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। तो वहीं 2 अक्टूबर को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के उद्घाटन के बाद से ग्रामीण उद्यमिता के क्षेत्र में अमूलचूल परिवर्तन आएंगे।

जिले में गोठान एवं गोधन न्याय योजना का कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के मार्गदर्शन में सफलता पूर्वक क्रियान्यवान किया जा रहा है। जिपं सीईओ ने बताया कि जांजगीर-चांपा एवं सक्ती जिले को मिलाकर कुल 566 गोठान के निर्माण को लेकर मंजूरी दी गई, जिसमें से 448 गोठानों का निर्माण पूर्ण करते हुए इनमें से 358 गोठान में गोधन न्याय योजना को जोड़ा गया है। गायों को नियमित रूप से चारा की व्यवस्था हो किसी तरह की कोई कमी न आए इसके लिए 416 चारागाह के निर्माण को लेकर स्वीकृति दी गई जिसमें से 342 चारागाह का निर्माण कर 264 चारागाह में नेपियार, मक्का आदि घास की बुआई की गई है।

गोबर बेचने से बन रहे हैं गौपालक लखपति
गोधन न्याय योजना का शुभारंभ जिले में 20 जुलाई 2020 से हुआ। इसके बाद से ही लगातार गोबर की नियमित रूप गोठानों में खरीदी की जा रही है। गोठानों में गोबर बेचने से पशुपालक की आमदनी बढ़ी है। जिले में कई ऐसे गोबर विक्रेता पशुपालक हैं, जिन्होंने सैकड़ों क्विंटल गोबर को गोठानों में बेचा है। जिले में सक्रिय गोबर विक्रताओं के माध्यम से 358 गोठानों में 3 लाख 55 हजार 369 क्विंटल गोबर बेचा गया जिससे पशुपालकों को 7 करोड़ 10 लाख 73 हजार 900 रूपये उनके खातों में भेजे गए हैं।

जैविक खेती की ओर अग्रसर जिला
गोठान निर्माण के साथ ही गोबर खरीदी होने और महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट, गोमूत्र से जैविक खाद का निर्माण सतत रूप से किया जा रहा है। गोठान में क्रय किये गये गोबर से अब तक 97 हजार 551 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन हुआ, जिसमें से 85 हजार 280 क्विंटल विक्रय किसानों एवं बाड़ी विकास से जुड़े किसानों को किया गया है। तिलई एवं खोखरा गोठान में गोमूत्र की खरीदी के बाद ब्रम्हास्त्र एवं जीवाश्म तैयार कर किसान खेती में उपयोग कर रहे हैं। जिसके डालने के बाद फसल को फायदा पहुंच रहा है। रसायनिक खाद के इस्तेमाल को किसान धीरे-धीरे कम करने लगे हैं। जिससे आने वाले समय में लोगों को रसायनिक खाद के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलेगी।

रीपा से बनेंगे युवा, महिलाएं उद्यमी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 2 अक्टूबर 2022 को ग्रामीण औद्योगिक पार्क को उद्घाटन, शिलान्यास एवं भूमिपूजन किया गया। इसके माध्यम से ग्रामीणों, महिलाओं एवं गांव के युवाओं को बेहतर रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। रीपा के माध्यम से जिले के युवाओं, महिलाओं को बेहतर प्रशिक्षण देकर उद्यमी बनाया जाएगा। जांजगीर-चांपा की 5 जनपद पंचायतों के 10 गोठानों एवं सक्ती जिले की 8 गोठानों में रीपा योजना का शुभारंभ किया गया है। इन गोठानों में रीपा के तहत बरी पापड़ के निर्माण से लेकर बेकरी, आफसेट प्रिंटिंग, मशरूम उत्पादन, अगरबत्ती, कोसा उत्पादन आदि क्षेत्रों में आगे बढ़ाया जाएगा। इसके पहले ही जिले में गोठानों में आजीविका गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। गोठान में 280 बाड़ी विकास, 140 मशरूम उत्पादन, 167 मछली पालन, 82 मुर्गीपालन, 13 बकरी पालन एवं अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

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