बस्तर

लम्पी वायरस से बचाव के लिए सतर्कता के साथ टीकाकरण पर दिया जा रहा जोर
04-Oct-2022 3:58 PM
लम्पी वायरस से बचाव के लिए सतर्कता के साथ टीकाकरण पर दिया जा रहा जोर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

 

जगदलपुर 4 अक्टूबर। वर्तमान में भारत के कुछ राज्यों (राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखण्ड) आदि राज्यों में गौवंशीय पशुओं में लम्पी स्किन डिसीज के लक्षण पाये के कारण बस्तर जिले में सतर्कता के साथ टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है।

बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर टीकाकरण में तेजी लाते हुए अब तक 32 हजार से अधिक पशुओं को टीका लगाया जा चुका है, वहीं इसके साथ ही सभी पशु बाजार, पशुओं के आवागमन तथा पशु मेला आयोजन पर आगामी आदेश तक पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। पशुधन विकास विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. डीके नेताम ने बताया कि लंपी स्किन डिसीज विषाणुजनित रोग है, जो जूं, किलनी, मच्छर, मक्खी के माध्यम से फैलता है। 

रोग में बुखार के साथ पूरे शरीर में छोटे-छोटे गुठली बन जाते है। लम्पी स्किन डिसीज के संक्रमण से दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता एवं भारवाहक पशुुओं की कार्यक्षमता पर विपरित प्रभाव पड़ता है। पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

लम्पी स्किन रोग के नियंत्रण हेतु संक्रमित पशुओं को स्वस्थ्य पशुओं से अलग रखना, दूसरे प्रदेशों से पशुओं के आवागमन को रोकना, मच्छर, मक्खी, कीलनी को रोकने हेतु कीटनाशक दवा का छिडक़ाव करना। संक्रमित ग्रामों के 05 किलोमीटर के परिधि में गोटपॉक्स वैक्सीन से रिंग वैक्सीनेशन किया जाता है।

जिला बस्तर उड़ीसा राज्य की सीमा से जुड़ी है, इसलिये जिले के सीमावर्ती ग्रामों में अन्य राज्यों से पशुओं के आवागमन पर नियंत्रण हेतु चेकपोस्ट स्थापित कर नियमित बार्डर चेकिंग का कार्य किया जा रहा है। लम्पी स्किन रोग से बचाव एवं रोकथाम हेतु पशुधन विकास विभाग द्वारा नियमित रूप से गोटपॉक्स वैक्सीन से पशुओं में टीकाकरण एवं कीटनाशक दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है। 30 सितम्बर 2022 तक जिले में 32040 टीकाकरण किया जा चुका है तथा टीकाकरण कार्य निरंतर जारी है।

 

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