दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अक्टूबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर में आदि शक्तियों की चैतन्य झांकी का आयोजन किया गया है। प्रतिदिन झांकी प्रारंभ होने पर दीप प्रज्वलन कर झांकी का शुभारंभ किया जाता है।
इसी श्रृंखला में प्रकाश देशलहरा, नवीन अग्रवाल, निर्मला बंसल इत्यादि ने दीप प्रज्वलित किया। ध्वनि एवं प्रकाश से सुसज्जित अति सुंदर मनोहारी झांकी को देखने के लिए भक्तजनों की भीड़ बहुत आ रही है। इस झांकी में आध्यात्मिक चित्रों की प्रदर्शर्नी का भी आयोजन किया गया है जिसमें यह बताया गया है कि इस सृष्टि के आदि काल में देवी देवताओं का राज्य था। उस समय सृष्टि संपूर्ण सतोप्रधान थी।
चारों ओर सुख, शांति, प्रेम, सद्भाव का साम्राज्य था दैवी मूल्यों के पतन के फलस्वरूप देव कुल की महान आत्माएं अपने देव स्वरूप को भूल स्वयं को साधारण मानव समझने लगी व काम क्रोध लोभ मोह अहंकार के वशीभूत होने से संपूर्ण विश्व में व प्रत्येक मनुष्य आत्माओं के जीवन में दु:ख अशांति बढऩे लगी व जब यह विकार अति में पहुंच गई सभी इस दु:ख से मुक्ति के लिए भिन्न-भिन्न उपाय करने लगे व भगवान को पुकारने लगे।
तब सर्व मनुष्य आत्माओं के परमपिता जो इस पंच तत्वों की दुनिया से पार परमधाम निवासी है वह आकर सर्व मनुष्य आत्माओं को ज्ञान देते हैं कि आप सभी चैतन्य आत्माएं हैं भले ही देह का धर्म भिन्न-भिन्न है किंतु मूल रूप में सभी का अनादि आदि गुण पवित्रता सुख शांति आनंद प्रेम ज्ञान है जो मनुष्य आत्माएं इस रहस्य को जान व समझ कर परमात्मा से संबंध जोड़ती है उनके जीवन से विकारों व दु:ख अशांति निकल जाती है व जो आदि गुण है उस स्वरूप में स्थित होने से वही आत्माएं पुन: गायन व पूजन योग्य बन जाती है ।