कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 4 अक्टूबर। बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए जिलेभर से आए ग्राम देवी-देवताओं की मंगलवार को जिला मुख्यालय के चौपाटी स्थल से श्रद्धा और उत्साह के साथ विदाई दी गई। इस मौके पर विधायक कोण्डागांव मोहन मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातलाम, जिला पंचायत सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा व एसडीएम चित्रकांत चार्ली ठाकुर भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
विश्व विख्यात बस्तर दशहरे में कोण्डागांव जिले के प्रमुख देवी-देवताओं, पेन पुरखा, मांझी, चालकी, मुखिया, गायता, पेन पुजारी और परगना प्रमुखों की सहभागिता सदियों की परम्परा रही है। चूंकि पूरे बस्तर संभाग में कोण्डागांव जिले से ही सर्वाधिक देवी देवता छत्रडोलियाँ एवं समाज प्रमुख भाग लेते हैं। आदिम संस्कृति और परम्परा को अनुसार ग्राम देवी-देवताओं की भव्य विदाई का आयोजन किया गया था।
बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए जिले के अलावा ओडिशा के सीमावर्ती गांवों के देवी-देवता भी प्रस्थान करते हैं। इनमें ग्राम रांधना, कोकोड़ी, बालोण्ड, भाटगांव, पिटिसपाल, पाथरी, बालेंगा, माण्डोकी खरगांव, खुटडोबरा, चरकई, खालेपारा, कोपाबेड़ा, अरगुला, तारगांव, छोटेराजपुर, किबेकोंगा, डोडरेसिमोड़ा, तितरवण्ड, बडड़ोई, डोंगरसिलाटी, हल्दा, बिवला, आमानार, गम्हरी, फुण्डेरपानी, गडरासिमोड़ा गांव से माँ हिगंलाजिंन, मावली माता, आंगादेव, बुढ़ी माता, शीतला माता, चिलगाईन माता, फुलकुंवर, कुंवारी मावली, सोनादई, भण्डारिन माता जैसे ग्राम देवी-देवता सम्मिलित होते हैं।