महासमुन्द
दिशा नाट्य मंच के कलाकारों की मनभावन प्रस्तुति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 अक्टूबर। कल शाम साढ़े 6 बजे दशहरा मैदान में हजारों की भीड़ में रावण के पुतले का दहन कर लिया गया। दिशा नाट्य मंच के कलाकारों ने इससे पहले रामलीला का बखूबी मंचन किया। शाम चार बजे से ही मैदान में लोगों की भीड़ जुटती रही।
शाम लगभग साढ़े चार बजे रामदल के कलाकार राम, लक्ष्मण, सुग्रीव, नल-नील और जामवंत तिपहिया आटो वाहन में बैठकर आए। उनकी वाहन के पीछे हनुमान जी और अंगद दुपहिए में पहुंचे। बाइक हनुमान जी चला रहे थे। थोड़ी देर बाद मालवाहन में भरकर रावण की सेना पहुंची और अपनी सेना के पीछे-पीछे बाइक में पिता रावण के पीछे बैठकर मेघनाद भी पहुंचे। छोड़ी देर बाद बीज निगम अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर, दिव्येश चंद्राकर, सासंद चुन्नी लाल साहू और विधायक एवं संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर, पूर्व विधायक डा. विमल चोपड़ा, मधुसूदन चंद्राकर, पूर्व नपा उपाध्यक्ष त्रिभुवन महिलांग भी अपने साथियों के साथ पहुंचे। कार्यक्रम शुरू होते अपने पार्षदों के साथ नपाध्यक्ष राशि महिलांग भी पहुंची। समस्त अतिथियों के साथ प्रेस क्लब अध्यक्ष उत्तरा विदानी ने भी श्रीराम लक्ष्मण का स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत दिशा नाट्य कला मंच के सूत्रधार अवनीश वाणी की आवाज से हुई। श्री राम समेत लक्ष्मण और सभी पात्रों ने जीवंत भूमिकाएं निभाई लेकिन रावण ने मैदान में आते ही जबरदस्त तालियां बटोरी। वहीं श्रीराम का संयम और लखन का तेज वार्तालाप प्रभावी रहा। यह पूरी तरह लाइट-साउंड प्रस्तुति थी अत: कार्यक्रम में उपस्थित नहीं रहने के बावजूद पेशे से शिक्षक अवनीश वाणी की आवाज पूरे समय गूंजती रही। कार्यक्रम के दौरान पूरे समय नपाध्यक्ष राशि महिलांग अतिथियों के क्रम में कुर्सी नहीं मिलने के कारण दर्शन दीर्घा में बैठकर कार्यक्रम देखती रहीं। आयोजकों ने उनके लिए अतिथियों वाली क्रम में कुर्सी रखी थी। चूंकि राशि महिलांग बहुत देर से पहुंची अत: अतिथियों के साथ आने वाले उनके समर्थक कुर्सियों पर बैठ चुके थे और बैठे हुए सदस्यों को वहां से उठा पाना मुनासिब नहीं था।
राम लीला मंचन मेंं जैसे ही श्री राम ने रावण पर अग्निबाण छोड़ी राम और लखन बने पात्र के साथ विधायक-सासंद,आयोजक सदस्य मैदान में बने रावण की मूर्ति की ओर अग्निबाण लेकर दौड़े और पुतले का दहन किया। मैदान में खड़ा 30 फीट का रावण जलते रहा, आतिशबाजी होती रही और लोग एक दूसरे को सोनपत्ता भेंट कर बधाईयां देते रहे। आखिर में श्रीराम-लक्ष्मण को शहर भ्रमण कराया गया। संसदीय सचिव रावण बध के बाद मैदान से निकलकर सीधे कचहरी चौक स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे। यहां आशीर्वाद लेने के बाद अपने साथियों के साथ वे नगर की अधिष्ठात्री देवी महामया पहुंचे और नगर में शांति सद्भाव की कामना की।