धमतरी
नेताओं व जनप्रतिनिधियों में कुर्सी पर बैठने खींचतान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 6 अक्टूबर। गौशाला मैदान में अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व विजयादशमी 5 अक्टूबर को मनाया गया। मुख्य समारोह गौशाला मैदान में हुआ, जहां नगर निगम द्वारा बनवाए गए 30 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन रात 8.15 बजे हुआ।
रावण 1 मिनट में ही जलकर स्वाहा हो गया। पहली बार ऐसा हुआ, जब निगम द्वारा आयोजित दशहरा उत्सव के मुख्य समारोह में रावण का एक भी सिर नहीं जला। लोगों ने सोशल मीडिया में निगम के खिलाफ गुस्सा निकाला। खूब आलोचनाएं भी हुई। वहीं निगम ने रावण बनाने वाले को पैसे देने से इंकार किया है।
रावण दहन के दौरान दशहरा मैदान में भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे। इसके पहले कोलियारी के आदर्श बाल समाज लीला मंडली के कलाकारों ने शाम 7 बजे से रामलीला का मंचन शुरू किया। करीब पौन घंटे भगवान श्री राम व रावण के वध का मंचन हुआ। दर्शकों से गौशाला मैदान खचाखच भरा रहा। वहीं जनप्रतिनिधियों में कुर्सी को लेकर आपसी खींचतान हुई। विवाद की स्थिति भी बनती रही। दशहरा उत्सव के समापन के बाद लोगों ने एक-दूसरे को रैनी पत्ता भेंटकर पर्व की खुशियां बांटी।
निगम के प्रभारी आयुक्त व ईई राजेश पदमवार ने कहा कि रावण बनाने वाले को एक रुपए भी नहीं देंगे।
मराठा समाज ने निकाली शोभायात्रा
मराठा समाज ने विजयादशमी पर शोभायात्रा निकाली। देर शाम 7 बजे मां तुलजा भवानी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के बाद शोभायात्रा निकली, जो मुख्य मार्गों से होते हुए मां विंध्यवासिनी मंदिर पहुंची। यहां समी पूजा की गई। रैनी पत्ता लूट की रस्म करने के बाद एक-दूसरे को विजयादशमी महोत्सव की बधाई दी। शोभायात्रा में मराठा समाज के अध्यक्ष रविन्द्र राव माने, समाज प्रमुख सूर्याराव पवार, शरद रणसिंह, महेन्द्र बाबर, तानाजी राव रणसिंह, नूतन जाचक, अशोक पवार, महेंद्र गायकवाड, माधव राव पवार, आनंद पवार, संजीव वाहिले आदि शामिल रहे।
- दशहरा मैदान में लोगों ने नयनाभिराम व आकर्षक आतिशबाजी का लुत्फ उठाया। बिन बरसात पानी, गोल्डन सेहरा, मोती माला जैसी आतिशबाजी देखने को मिली।
- शहर के विभिन्न वार्डों में दशहरा पर रामलीला का मंचन व रावण दहन हुआ। आमापारा स्थित शांति चौक में वार्डवासियों ने 25 फीट के रावण का पुतला जलाया।
- जिला पुलिस द्वारा पुलिस लाइन में शस्त्र पूजन किया गया। परंपरागत ढंग से पुलिस लाइन स्थित शस्त्रागार में रखे हथियारों को बाहर निकाला गया। उसकी पूजा-अर्चना की गई।
जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर मुजगहन में अनोखा दशहरा महोत्सव मनाया गया। यहां 20 फीट के सीमेंट से बने रावण की प्रतिमा का पूजा-अर्चना हुआ। साल 2005 में 20 फीट ऊंची प्रतिमा स्थायी रूप से स्थापित की गई थी। तब से पर्व पर रावण दहन के बदले उनकी प्रतिमा की पूजा होती है।