महासमुन्द
ढोल नगाड़े और धुमाल पार्टी की धुन पर थिरके श्रद्धालु
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 7 अक्टूबर। अंचल में 2 दिनों तक मां दुर्गा कि मूर्ति विसर्जन का कार्य जारी रहा, आज शहर के अधिकांश स्थानों पर विराजित माता की मूर्ति का ढोल नगाड़े, धुमाल पार्टी की धुन में भक्त जमकर थिरके, दुर्गा पंडाल से तालाब तक भक्तगण भक्तिमय वातावरण में झूमते हुए माता की मूर्ति का विसर्जन किया ,जबकि कल ग्रामीण अंचलों में मूर्ति विसर्जन का कार्य दिन भर चला, विसर्जन करने के पूर्व माता की विधिवत पूजा की गई नम आंखों से माता को शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन, व 11 वें दिन विदाई दी गई, यातायात को व्यवस्थित करने व शांति व्यवस्था के लिए जगह-जगह पुलिस भी पहरा दे रहे थे।
शारदीय नवरात्र के दसवें दिन कल 5 अक्टूबर को माता दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन का कार्य शुरू हुआ जो आज भी दिन भर चला, शहर में विभिन्न वार्डों में 11 स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा भक्तों के द्वारा विराजित किया गया था, इसमें से कुछ प्रतिमाओं का कल विसर्जन किया गया, जबकि अधिकांश स्थानों में विराजित मां दुर्गा की प्रतिमा का आज ढोल नगाड़े,धुमाल पार्टी,कीर्तन पार्टी की अगुवाई में बड़ी धूमधाम से माता को नम आंखों से विदाई दी गई और बस्ती सरायपाली तालाब, शंकर मुंडा तालाब,व बांधा तालाब में प्रतिमा को विसर्जित किया गया।
आज दिन भर विसर्जन का सिलसिला जारी रहा और पूरा शहर भक्ति मय वातावरण में डूबा हुआ था, शहर के सभी मार्गों में दुर्गा प्रतिमाओं को माता भक्तों के द्वारा ट्रैक्टर,चार पहिया वाहन से विसर्जन के लिए ले जाते हुए दिखे , जिनकी अगुवाई ज्वारा,कलश को महिलाएं अपने सिर में लिए तालाब तक पहुंची और तालाब में ज्वारा,कलश का भी विसर्जन किया गया। मूर्ति विसर्जन के लिए तालाब के पास हाइड्रोलिक मशीन भी रखा गया था, जिसके माध्यम से प्रतिमा को उठाकर तालाब में विसर्जित किया गया ।पंडित रामकुमार पांढ़ी ने बताया कि माता को रिझाने के लिए मूर्ति विसर्जन में माता भक्त बांना लगाते है,मांदर, मुर्दुंग,मंजीरा,ढोल नगाड़े भी बजाते हैं, यह सभी वाद्य यंत्र का अधिक उपयोग होता है, नवरात्रि के नवमी तिथि को नौ कन्याभोज खिला कर हवन करके मध्य रात्रि में माता के आसन को खिसकाया जाता है,पश्चात विसर्जन का सिलसिला शुरू हो जाता है,विगत 4 अक्टूबर से मूर्ति विसर्जन का कार्य शुरू हो गया है,जो आज भी जारी है ।