कोण्डागांव
प्रकाश नाग
केशकाल, 7 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए अनेक प्रकार की योजनाओं का शुभारंभ किया गया है। जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार के विभिन्न अवसर प्राप्त हो रहे हैं और महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत भी हो रही हैं। इसी क्रम में कोंडागांव जिले के ग्राम मस्सूकोकोड़ा में भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की ओर से गांव की शिक्षित महिला लता पांडे को बीसी सखी बनाया गया है। वे वर्ष 2018 से गांव में ग्राहक सेवा केंद्र चला रही हंै। अब तक उन्हें कुल 26.44 करोड़ मूल्य का लेनदेन कर 8 लाख 64 हजार रुपए की आमदनी हो चुकी है। जिसे उसने स्वयं के पैसों से एक कार भी खरीद लिया है।
लता पाण्डे बताती हंै कि बीसी सखी बनने से पहले उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत तंग थी। किसी भी चीज की आवश्यकता होने पर महंगी ब्याज दरों पर बाजार से पैसा लेना पड़ता था, जिससे वे परेशान थीं। इस दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की टीम द्वारा गांव में आकर बिहान योजना के संबंध में जानकारी दी गई। जानकारी मिलने पर मेरे साथ गांव की अन्य महिलाओं ने मिलकर मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह का निर्माण किया।
उल्लेखनीय है कि समूह के साथ काम करने के दौरान ही लता को शिक्षित होने के कारण बीसी सखी के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। काम के पहले उन्हें जगदलपुर में प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद ग्राम संगठन द्वारा कम्प्यूटर सेट और अन्य सामग्रियां खरीदने के लिए उन्हें ऋण दिया गया और बिहान योजना के तहत बीसी सखी के रूप में काम करने की आईडी प्रदान की गई।
गर्भावस्था के दौरान ट्रेंनिग, लौटते बच्चे को खोई, नहीं हारी हिम्मत, आज बनी प्रेरणा
लता ने बताया कि जब जगदलपुर में उन्होंने 10 दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लिया, उस दौरान वह छ: महीने से गर्भवती थीं। गर्भावस्था के दौरान बसों में सफर करने के कारण उन्होंने अपने बच्चे को भी खो दिया। इस सदमे से उभरने के बाद लता ने ठान लिया कि अब इसी कार्य मे वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी और बाकी महिलाओं से बेहतर परिणाम भी लाएंगी।
लता ने बताया कि बीसी सखी बनकर मुझे गांव में रहकर लोगों तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाकर उनकी सेवा का अवसर मिला। मुझे अतिरिक्त आय भी होने लगी। इससे जो सम्मान और पहचान दी, मुझे आज तक प्राप्त नहीं हुई थी। अब लोग मुझे गांव में बैंक दीदी के रूप में जानते हैं। मेरे द्वारा अब तक कुल 26.44 करोड़ मूल्य के 25864 लेनदेन किये गये हैं। जिससे मुझे कमीशन के रूप में कुल 8.64 लाख रूपये प्राप्त हुए। मुझे हर माह कमीशन के रूप में 10 से 12 हजार रु लगभग प्राप्त हो जाते हैं। यह सबकुछ बैंक सखी बनकर ही संभव हो सका है।
बैंक चलने लगी तो हो गई दो बार चोरी
लता पांडे ने बताया कि किसी तरह लोन लेकर बैंकिंग कार्य प्रारंभ की थी। अप्रैल 2019 में बहीगांव का मेला था उसी दिन रात्रि में अज्ञात चोरों ने दुकान में रखे ढाई लाख रु. की चोरी हुई थी। फरसगांव थाने में जाकर रिपोर्ट भी दर्ज कराए थे, लेकिन चोरों का अब तक पता नहीं चला। जिसके बाद 2021 में फिर से चोरी हुआ जिसमें 35 से 40 हजार रु नगदी सहित अन्य सामानों को चोरों ने चोरी कर ले गए, इसमें भी अभी तक पुलिस चोर को नहीं पकड़ नहीं पाई है।
लता ने कहा कि बैंक सखी बनने के साथ अधिकारियों द्वारा मुझे आर्थिक स्थिति सुधार हेतु समूह में कार्य करने, पैसों की बचत एवं पंचसूत्र पालन के संबंध में भी जानकारी दी गई, इसके कारण अब मेरे सभी सपने पूरे हो रहे हैं। मेरे द्वारा अपने कॉम्प्लेक्स में फैंसी स्टोर और कपड़ा दुकान भी संचालित किया जा रहा है। जिससे मुझे अतिरिक्त 20 से 25 हजार तक आमदनी प्राप्त हो जाती है। लता ने सभी महिलाओं से कहा है कि सभी यदि मिलकर कार्य करें तो अपने साथ-साथ गांव एवं राज्य का भी विकास कर सकते हैं।