मुंगेली
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 10 अक्टूबर। महासमुंद कोतवाली में पिछले दो महीने से बाहरी आमद वाले लोगों की मुसाफिरी बंद और इन दिनों बड़ी संख्या में बाहरी लोग व्यवसाय करने के बहाने आकर महासमुंद शहर में रह रहे हैं। सोने-चांदी के कंगन साफ करने, जड़ी-बूटी बेचने, राशि वाला नग बेचने का धंधा करने वाले घूम रहे हैं। ऐसे लोग किराए का मकान लेकर या फिर खुले स्थानों में तंबू लगाकर रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश लोग दुकानों और मकानों की रेकी कर चोरी करने के बाद आसानी से फरार हो जा रहे हैं। अत: इन्हें पकडऩा पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रही है।
महासमुंद जिला मुख्यालय में लगातार छिटपुट चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इनमें से कई चोरी की शिकायतें थाने तक नहीं पहुंचती। वहीं जिन चोरियों की शिकायतें आती भी हैं। उनमें चोरों तक पुलिस पहुंच नहीं पाती। महासमुंद में चोरी के लिहाज से एसपी कार्यालय के पीछे का इलाका, गृह निर्माण मंडल का इलाका, अधिकारी कोलानी,इमली भांठा, जगत विहार कालोनी, अयोध्या नगर, वर्धमान नगर व नया पारा इलाका सेंसिटिव जोन है, जिनमें आए दिन चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। 0इस संबंध में महासमुंद थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर का कहना है कि त्योहारी सीजन को देखते हुए 2 माह से मुसाफिरी दर्ज कराना बंद है। मगर आने जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही अवांछित लोगों को क्षेत्र से बाहर भी भेजा जा रहा है।
सामान्य दिनों में प्रतिदिन 10 से 15 मुसाफिरी दर्ज की जाती है। वर्तमान में कोटवारों को अपने गांव में आने जाने वालों का विवरण रखने और पूछताछ करते रहने के निर्देश भी दिए गए हैं।