बेमेतरा

लम्पी वायरस से कराह रहीं गोवंश, बाजार से महंगी दवा खरीदने मजबूर पशुपालक
20-Nov-2022 2:24 PM
लम्पी वायरस से कराह रहीं गोवंश, बाजार से महंगी दवा खरीदने मजबूर पशुपालक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 20 नवंबर।
बीमार गायों के उपचार के लिए मवेशी मालिकों को खर्च करना पड़ रहा है। बीमार मवेशियां की संख्या बढऩे व स्टेट से टीम आने की सूचना के बाद मवेशी मालिकों को विभाग द्वारा दवाईयां उपलब्ध कराई गई जबकि इससे पुर्व विभाग के डॉक्टर केवल पर्ची देते रहे है। दवा नहीं मिलने पर प्रतिदिन मालिकों को उपचार के लिए 300 से 400 रूपया खर्च करना पड़ रहा है। बेमेतरा जिले में लम्पी वायसर तेजी से पैर पसार रहा है। विभाग पर आरोप लगे थे कि मवेशियों के लिए दवाइयां और उपचार में कोताही बरती जा रही है। इस पर विभाग का दावा है कि रोग उपचार सें सबंधित दवाइंया उनके पास है, जिसे उपलब्ध कराया जा रहा है।

जिले में 46 गायों में मिला है लक्षण 
दो दिनो में जिले में 46 गौवंशीय मवेशियों में लम्पी वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं। जिसमें बीजाभाट में 3, वार्ड 1 बेमेतरा में 10, वार्ड 2 में 15, ग्राम बिलाई में 3, पीपरभटठा में 7, अमोरा में 3 मवेशी शामिल है।

पशु मालिक आर्थिक रूप से परेशान —

पशु मालिक चंपु राठी ने बताया कि उसके द्वारा दवाईयों को खरीद कर दिया गया है। इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं कराए गए जिसके बाद उसे खुद इसके रुपए चुकाकर मवेशियों का उपचार कराना पड़ा। लम्पी त्वचा रोग है, जिसका मवेशी को दिया जाने वाला मलहम भी खुद ही खरीदना पड़ रहा है। विभाग द्वारा रोकथाम के लिए टीका लगाया जा रहा है, लेकिन उसमें भी तेजी नहीं है। अमित माहेश्वरी ने बताया कि वो लगातार बाजार से ही दवाइयों लेकर उपचार करा रहे हैं। पशु मालिक कोमल यादव ने बताया कि पूर्व में करीब 10 दिन तक बीमार मवेशियों को खुले बाजार से दवा और इंजेक्शन लेकर देना पड़ा। मानपुर में नेमसिह को भी परेशान होना पड़ा। पशु मालिक व चरवाहा गणेश यादव ने बताया कि उसके घर में तीन गायों के बीमार होने व लम्पी के लक्षण नजर आने पर शुक्रवार को टीम के सदस्यों को गांव में आकर देखने के लिए मिन्नत किया गया, लेकिन टीम के सदस्यों ने आने से इनकार कर दिया।

अब तक हुआ टीकाकरण 
जिले में दो दिनो के दौरान लगभग 13 हजार गौवंशीय को टीका लगाया गया है। शुक्रवार को 6387 और शनिवार को को 6705 टीका लगाया गया है। इससे पूर्र्व जिले में केवल 59604 मवेशियों को टीका लगाया गया था।

लोगों के जेब पर पड़ रहा असर 
पशुधन विभाग के स्थानीय महकमे ने बीमार गायों के लिए दवा नहीं होने की बात कहते हुए हाथ खींच लिया। अब जब लक्षण आधारित रोग बढऩे लगा है तब विभाग द्वारा दवा होने का दवा किया जा रहा है। तिवारी ने सवाल किया कि लोगों के जेब पर इसका असर पड़ रहा है।

अजय तिवारी , उपाध्यक्ष-जिला पंचायत.
उपचार के लिए पर्याप्त दवा है, जिसे मवेशी मालिकों को उपलब्ध कराया जा रहा है , स्थिति काबू में है।
डॉ.राजेंद्र भगत, उपसंचालक-पशुधन विभाग.

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