रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 20 नवंबर। धरमजयगढ़ वन मंडल कार्यालय से कुछ ही किलोमीटर की दूर पर सैकड़ों एकड़ जंगल को पूरी तरह साफ कर दिया गया है, और वन विभाग को हवा तक नहीं लगा। ऐसा लगता है कि वन रक्षक, डिप्टी रेंजर से लेकर वन विभाग के सभी अधिकारी सोते रहे और ग्रामीणों द्वारा जंगल को कब्जा करने के लिए सैकड़ों एकड़ जंगल को काट दिया गया है।
मुख्य सडक़ किनारे सैकड़ों एकड़ लगे बड़े-बड़े पेड़ों को काट दिया जाना और वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं हो ये समझ से परे हैं। ऐसे भी धरमजयगढ़ वन मंडल हमेशा घोटाले बाजी को लेकर सुर्खियों में बना ही रहता है। मृत आदमी के नाम से मजदूरी करवाना, बिना प्लांटेशन लगाये ही बिल का भुगतान आहरण कर लेना, तो वन भूमि के नाम पर पूरी की पूरी जंगल साफ करवा देना ये तो धरमजयगढ़ वन मंडल में आम बात है।
ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब धरमजयगढ़ वन मंडल के धरमजयगढ़ रेंज का इस रेंज के कोयलार बीट में सैकड़ों एकड़ जंगल को ग्रामीणों द्वारा पूरी तरह पेड़ों को कांटकर साफ कर दिया है, और वन विभाग चुपचाप तमाशा देखता रहा। इतने अधिक मात्रा में जंगल को काटना एक दिन या एक रात का काम नहीं है।
इस जंगल को काटने के लिए कई दिन कई महिने लगे होंगे, लेकिन इतने दिन में एक दिन भी वन विभाग के अधिकारी या कर्मचारी को दिखाई नहीं दिया कि जंगल से पेड़ों की कटाई हो रही है। क्या वन विभाग के बीड गार्ड, डिप्टी रेंजर कभी जंगल देखने अपने बीट में नहीं जाते हैं या फिर सब कुछ इनके इशारे पर हुआ है।
वन विभाग के मिली भगत की बिना इतने अधिक मात्रा में वनों की कटाई नहीं हो सकती है। यहां सैकड़ों नहीं हजारों पेड़ काट दिया जा रहा है और वन रक्षक या उनके अधिकारी को जानकारी नहीं होना ये बात किसी को हजम नहीं हो रहा है।
इतने अधिक मात्रा में वनों की कटाई के बारे में संबंधित रेंजर से पूछने पर उनके द्वारा बताया जाता है कि इस संबंध में एसडीओ ने कुछ भी बताने को मना किया है। मैं आप लोगों को इस संबंध में कुछ नहीं बोल सकता हूं आप लोग एसडीओ से ही पूछ लीजिए इसके बातों से तो ऐसा लगता है कि सैकड़ों एकड़ जंगल की कटाई में इनका पूरा-पूरा हाथ है।
बड़े अधिकारियों को दी गई है पेड़ कटाई की जानकारी- बीड गार्ड
जब सैकड़ों एकड़ जंगल की कटाई के बारे में बीर्ड गार्ड श्रवण सिदार से जानकारी ली गई तो उन्होंने फोन पर बताया कि मेरे को इसकी जानकारी है वहां जाने से ग्रामीणों द्वारा गाली-गलौज व मारपीट करने की बात करते हैं। ग्रामीणों द्वारा की जा रही जंगल कटाई की खबर अपने उच्च अधिकारियों को दे दिया है। अब आगे अधिकारी ही बता पायेंगे कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं।
वन विभाग की नहीं राजस्व की भूमि- रेंजर
‘छत्तीसगढ़’ ने रेंजर किस्पोट्टा से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि हां जंगल की कटाई तो हुई है पर जिस जगह ग्रामीणों ने पेड़ों की कटाई की है, वह भूमि वन विभाग का नहीं है, राजस्व का है।