सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 22 नवंबर। केआर टेक्निकल कॉलेज में एचडीएफसी बैंक और मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के संयुक्त तत्वावधान में यूथ रेडक्रॉस क्लब और राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान महाविद्यालय के ओपन एयर जिम का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के पैथोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक और ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ.विकास पांडेय ने किया।
इस कार्यक्रम में एचडीएफसी बैंक के अधिकारी चैतन्य मुंजे एवं अभय गिरी के साथ ब्लड बैंक अंबिकापुर से अंजुला मिश्रा, महाविद्यालय के मुख्य सलाहकार राहुल जैन, डायरेक्टर रीनू जैन, प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा और आईक्यूएसी के समन्वयक बिनय अम्बस्ट उपस्थित थे।
सबसे पहले मॉं सरस्वती के सामने दीप प्रच्वलित करके सभी अतिथियों ने कार्यक्रम का आगाज किया। उसके बाद सभी अतिथियों के द्वारा महाविद्यालय के रेड क्रॉस के 50 स्वयंसेवकों को रेडक्रॉस बैच लगाकर उन्हें आधिकारिक रूप से महाविद्यालय के यूथ रेड क्रॉस क्लब में शामिल किया गया।
कार्यक्रम में अपने स्वागत उद्बोधन में प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा ने कहा कि खून देने से शरीर में कमजोरी आती है, चलने पर चक्कर आने लगता है, आदि-आदि। यदि आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो यकीन मानिये आप पूरी तरह गलत हैं। सच तो यह है कि कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति कम से कम छह माह में एक बार रक्तदान कर सकता है। यही नहीं, जरूरत पडऩे पर एक महीने बाद भी रक्तदान किया जा सकता है। रक्तदान महादान है और इससे हम किसी का जीवन बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे 18 वर्ष पूर्ण करने के पश्चात हमें मतदाता पहचान पत्र बनवा कर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए वैसे ही रक्तदान करके इस महादान में शामिल होने का भी प्रयास करना चाहिए। उसके बाद छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए एचडीएफसी बैंक के अधिकारी श्री चैतन्य मुंजे ने कहा कि उनका बैंक लगातार 14 वर्षों से इस तरह का रक्तदान शिविर का आयोजन करता रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार केआर टेक्निकल कॉलेज का चुनाव इनके सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई कार्यों को देखते हुए किया गया है, साथ ही उन्होंने आगे भी महाविद्यालय के साथ जुडक़र सामाजिक सरोकार से संबंधित विभिन्न कार्यों को करने हेतु आश्वासन भी दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में डॉ.विकास पांडे ने कहा कि रक्तदान की पूरी प्रक्रिया के दौरान 10-15 मिनट का समय लगता है। उस समय कोई तकलीफ व दर्द भी नहीं होता है और न ही किसी प्रकार के संक्रमण की संभावना रहती है। रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी भी नहीं आती है और बार-बार रक्तदान करने से खून के अवयव आरबीसी, डब्लूबीसी, हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स आदि जल्दी बनते हैं। खून देने के बाद कुछ देर आराम कर रक्तदाता अपने सामान्य कार्यों को कर सकता है।
अंत में महाविद्यालय की डायरेक्टर रीनू जैन ने महाविद्यालय की ओर से सबको आभार देते हुए कहा की इस नेक कार्य का हिस्सा बनने के लिए मैं एचडीएफसी बैंक और मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर की पूरी टीम का महाविद्यालय की तरफ़ से धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ।
सबसे पहले महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा ने रक्तदान किया। इस कैंप में कुल 31 लोगो ने रक्तदान करके समाज को यह सन्देश दिया की किसी जरूरतमंद को खून देने पर जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। किसी तरह हमारा खून किसी की जिंदगी बचाने के काम तो आया।
कार्यक्रम के अंत में सभी रक्तदाताओं को मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर की ओर से प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी विनितेश गुप्त ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में यूथ रेड क्रॉस प्रभारी संदीप डे और सत्या विश्वकर्मा सहायक प्राध्यापक विज्ञान का विशेष योगदान था।