जान्जगीर-चाम्पा

ग्रामीणों ने देखी गौठान की गतिविधियां, वर्मी कम्पोस्ट की सीखी तकनीक
23-Nov-2022 2:14 PM
ग्रामीणों ने देखी गौठान की गतिविधियां, वर्मी कम्पोस्ट की सीखी तकनीक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर चांपा, 23 नवंबर।
ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों ने गोठान समिति सदस्यों, स्व सहायता समूह की महिलाओं, अधिकारियों के साथ मिलकर गोठान का भ्रमण किया और गोठान में होने वाली गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने गोबर खरीदी के बाद उससे बनाए जाने वाले वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की तकनीक की जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों ने ग्रामीणों को शासकीय स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी भी दी।

जिला जांजगीर चांपा एवं सक्ती की ग्राम पंचायत में 21 से 23 तक विशेष अभियान चलाते हुए गोठान समिति में बैठक की जा रही है। 22 नवम्बर को गोठान गुचकुलिया, लगरा, भदरा, आरसमेटा, करूमहु, लिमगांव, मरघटी, डोमनपुर, देवरी, पासीद, सरवानी, गढगोढी, बरदुली, डोगिया के किसानों, ग्रामीणों, समूह की महिलाओं को जानकारी से अवगत कराया गया। वहीं सोनाडीह, परसदा खुर्द, बेलादुला, जेठा, कटघरी, नरियरा, कोटमीसोनार, झलमला, कापन, कोटगढ़, बरबसपुर, पचेड़ा, किरीत, बालपुर, सिवनी, पलाडीकला, सिंघनसरा, कल्याणपुर, डूमरपारा, कटनई, महुदा ब, लहंगा, सिवनी, मुरलीडीह, महमदपुर, लटिया, किरारी, अकलतरी, नवागांव, लच्छनपुर, बोरसी, लोहर्सी, सेमरिया, अमलडीहा, पुटेकेला, पचरी, सेंदरी, करूवाडीह, झलरौंदा, मलनी, परसदा के किसानों, ग्रामीणों ने शासकीय योजनाओं की जानकारी ली। इन ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों ने नजदीक से गोठान में संचालित की जा रही गतिविधियों के बारे में गोठान समिति के सदस्यों से जानकारी ली। ग्रामीणों को बताया गया कि गोठान में गायों को आश्रय दिया जाता है, और उन्हें पानी, चारा के साथ नियमिति रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता हैं साथ ही जो गोबर गोठान में बेचने आते हैं उन्हें 2 रूपए के किलो की दर से भुगतान किया जाता है। समूह द्वारा खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जाती है।

इसके अलावा समूह के द्वारा मुर्गीपालन, बकरीपालन, बतख पालन, सब्जी-बाडी, मशरूम उत्पादन का कार्य करते हुए स्वरोजगार प्राप्त किया जाता है। ग्रामीणों को बताया गया कि आंगनबाड़ी के माध्यम से नौनिहाल बच्चों को पोषण आहार, गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम समय समय पर आयोजित किये जाते हैं, जिनका लाभ गांव में ही लिया जा सकता है। तो वहीं एनीमिया जांच, कुपोषित बच्चा की जांच भी नियमित की जाती है। हाट बाजारों में मुख्यमंत्री क्लीनिक योजना के माध्यम से ग्रामीणों का निशुल्क इलाज किया जाता है।

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