धमतरी
कुरुद में कलेक्टर ने किया तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 23 नवंबर। देश विदेश में अपनी चित्रकारी कला का प्रदर्शन कर भरपूर ख्याति बटोरने वाले बंसत साहू की पेंटिंग की तीन दिवसीय प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसे देखने पहुंच रहे कलाप्रेमी खुबसूरत चित्रों के साथ साथ प्रवेश द्वार के फर्श पर अवधराम कंवर द्वारा बनाई गई रंगोली देख कर सराहना कर रहे हैं।
नगर पंचायत कुरूद के मंगल भवन में प्रसिद्व चित्रकार बसंत साहू के पचावें जन्मदिवस पर आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ कलेक्टर पीएस एल्मा, नपं अध्यक्ष तपन चंद्राकर, जिलापंचायत सभापति तारिणी चन्द्राकर ने किया।
इस मौके पर कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों ने बसंत के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए उनकी प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। ज्ञात हो कि एक हादसे का शिकार हो शारेरिक रुप से 90 प्रतिशत दिव्यांग हो चुके बसंत की चित्रकारी देश की सीमा लांघ अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया जैसे देशों में संग्रहित हैं। उनके बनाए चित्र राष्ट्रपति भवन से लेकर देश के कई राज्यों में सीएम हाउस और राजभवन की शोभा बढ़ा रहे हैं। 24 नवंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में बसंत की कुंची से जन्मी तस्वीरों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति, परम्परा, प्रथाएं, लोक नृत्य, उत्सव की जीवंतता चटक रंगों में दिखती है। धार्मिक, समाजिक एवं स्मारिका घटनाक्रम को भी बसंत ने अपने कैनवास में बाखूबी समेटा है। एक से बढक़र एक चित्र देखकर लोगों को यह यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि व्हीलचेयर में बैठा यह शख्स थरथराते हाथों से कैसे इतना बड़ा रंगों का संसार रच सकता है। प्रदर्शनी हाल में क्षेत्र के एक और कलाकार ने सभी का ध्यान खींचा। गाडाड़ीह के रंगोली आर्टिस्ट अवध राम कंवर द्वारा बेड पर पड़े बसंत को अपने हाथों से निवाला खिला रही मां की हुबहू तस्वीर रंगोली की मदद से उकेर कर दर्शकों को हतप्रभ कर दिया है।
इस मौके पर मंडी अध्यक्ष नीलम चन्द्राकर, नपं उपाध्यक्ष मंजू साहू, नेता प्रतिपक्ष भानु चन्द्राकर ,पूर्व नपं अध्यक्ष ज्योति चन्द्राकर, मंडी उपाध्यक्ष प्रमोद साहू, सभापति मनीष साहू, पार्षद राघवेंद्र सोनी ,सीएमओ दीपक खाड़े , डॉ प्रदीप साहू, आशीष शर्मा, त्रिलोक जैन, कृष्णकांत साहू, तेजराम सिन्हा, मूलचंद, भूपेंद्र सिन्हा, देवलाल यादव ,मनोज, योगेश चन्द्राकर, सहित बसन्त फाउंडेशन के सदस्य मौजूद थे।