कोरिया

हितग्राही की सतर्कता से सरकारी राशि हड़पने से बची, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
23-Nov-2022 6:29 PM
हितग्राही की सतर्कता से सरकारी राशि हड़पने से बची, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया), 23 नवंबर। हितग्राही की सर्तकता से सरकारी राशि हड़पने से बची, वहीं इस मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हंै।

उद्यान विभाग से राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत आदिवासी किसान का तालाब हुआ स्वीकृत, किसान को पता नहीं चला और जब 10 लाख की द्वितीय किश्त आई तो इसकी सूचना लेकर विभाग का कर्मचारी और कुछ दलाल उसके घर पहुंच गए। उसका अलग खाता खुलवाने उसे साथ लेकर आए, और उसका खाता दूसरे जिला सूरजपुर में खोल दिया। किसान ने कुछ चेक में हस्ताक्षर भी करवा लिए, और दलालों के नाम पर फर्जी तरीके से चेक कट भी गया, भागता हुआ किसान बैंक पहुंचा और खाते में होल्ड लगवा दिया, पैसा दलालों के खाते में जाने से बच गया, वहीं दलाल पुलिस के पास पहुंच गए और फिर पुलिस दलालों की शिकायत पर किसान के घर पहुंच कर उसके घर की तलाशी भी ले ली। दूसरी ओर हितग्राही अब कलेक्टर की शरण में पहुंच गया है, जहां कलेेक्टर ने मामले में जांच के आदेश दे दिए है।

इस संबंध में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बताया कि हितग्राही मेेरे पास आया था और मैंने जिला पंचायत सीइओ को मामले की जांच कर मुझे अवगत कराने का कहा है। जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक्सिस बैंक श्रीनगर जिला सुरजपुर की कर्मचारी शांति राजवाड़े का कहना है  कि हितग्राही का खाता बैकुंठपुर में न खोलकर सूरजपुर में खोला गया और हितग्राही के खाते में दलाल का मोबाइल नंबर कैसे डला गया, इस पर भी उनका जवाब था कि जैसा हितग्राही ने कहा वैसा किया।

जानकारी के अनुसार ग्राम कटकोना निवासी आनंदी सिंह पिता सोमार साय निजी भूमि पर राष्ट्रीय बागवानी योजनांतर्गत सामुदायिक तालाब की स्वीकृति हुई थी, जिसे उद्यान विभाग के अधिकारियों की निगरानी में कराया जा रहा है। निर्माण कार्य की प्रथम किस्त 10 लाख हितग्राही के द्वारा व्यय किया गया, जिसका विभाग द्वारा मूल्यांकन कर लिया गया है। इसके बाद में शेष दस लाख रूपये द्वितीय किश्त आना था।

हितग्राही आन्नदी सिंह के साथ उनका बड़ा पुत्र बालसाय ने बताया कि द्वितीय किश्त के बारे में उन्हें तब मालूम हुआ, जब विभाग का एक कर्मचारी और दलाल उनके घर आया और कहा कि पुराने सहकारी बैंक में राशि नहीं आएगी, दूसरे बैंक में खाता खोलना होगा, जिसके बाद वो उनके पिता को लेकर बैकुंठपुर आए, एक्सिस बैंक में खाता खुलवाने की प्रक्रिया हुई।

खाता खुला सुरजपुर में 

कार्य के मूल्यांकन होने के बाद द्वितीय किस्त दस लाख की राशि के लिए उद्यान विभाग के कर्मचारी द्वारा खाली कागज में दस्तखत कराकर बोला गया कि, सहकारी बैंक में पैसा नहीं जमा हो रहा है इसलिए बैकुंठपुर के बड़े बैंक में खाता खोलना पड़ेगा। कुछ दिनों बाद ग्राम बिशुनपुर निवासी दलाल एवं विभाग का कर्मचारी दोनों आकर एक्सिस बैंक में खाते खोलने को बोले और साथ में लेकर बैंक आए। वहां पर बैकुण्ठपुर एक्सिस बैंक में महिला कर्मचारी द्वारा खाते खोलने की बात कही गई। किन्तु उन्होंने बैंक में खाता नहीं खोला। उस समय उनका पुत्र बाल सिंह और अन्य सहयोगी साथ में थे।

बैंक से मुझे दलाल के कार में बैठाकर शांति राजवाड़े (बैंक कर्मचारी) और विभाग का कर्मचारी उनके घर रावत सरई लेकर गए और आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज के साथ मेरा खाता खोले तथा उसी समय खाली चेक बुक में दस्तखत करवा लिए और बोले यह बैंक और विभाग के काम आएगा। जब नाम खाता चेक बुक एटीएम आएगा तो आपको मिल जाएगा, फिर आप अपना पैसा निकाल लीजिएगा।  कुछ दिनों बाद जब उनका चेक बुक, एटीएम उन्हें नहीं मिला तब उन्होने पता किया। तब उन्हें मालूम हुआ कि, उनका खाता बैकुण्ठपुर में नहीं खुला है, खाता सूरजपुर जिले के श्रीनगर में संचालित एक्सिस बैंक शाखा में खाता खोला गया है तब वो श्रीनगर बैंक अपने सहयोगियों के साथ गया । वहां बैंक कर्मचारी मिली और बोली वो गुम हो गया है। आप एक रिपोर्ट दर्ज करा दीजिए तो नया चेक बुक मिल जाएगा। हमने उन पर विश्वास करके सोनहत थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दिया ।

होल्ड के बाद दलालों ने धमकाया

18 नंवबर को बैकुंठपुर ब्रांच के माध्यम से पता चला कि मेरे खाते में राशि दस लाख विभाग द्वारा जमा कर दिया गया है। इसके बाद बैंक कर्मचारी के माध्यम से पता चला कि मेरे हस्ताक्षर वाला चेक अन्य लोगों ने आहरण के लिए बैंक में जमा किया, तब मै इस पर आपत्ति जताते हुए अपने खाते को होल्ड करवा दिया और बैंक मैनेजर श्रीनगर को सारी बातें बताया। मेरे द्वारा एकांउट होल्ड करने के बाद दलाल व अन्य लोग आए और बोले चलो एक पेपर में साइन करना है। मंै व मेरे पुत्र और नाती डर गए थे कि मेरे पैसे को हड़पने के लिए ये लोग षडय़ंत्र कर रहे है, तो मै कही भी जाने से मना कर दिया। 

दलाल पहुंचे पुलिस के पास

21 नवंबर को बैकुंठपुर थाने से हितग्राही के नाती के नम्बर पर फोन आया जिसमें उन्हे थाने बुलवाया गया। वो थाने नही गया तो 22 नवंबर को पुलिस वाले मेरे घर आए और उनकी अनुपस्थिति में घर की तलाशी लिए। बाद में वो बैकुण्ठपुर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस ने बताया कि दो लोग उनके हस्ताक्षर से प्राप्त चेक के भुगतान के लिए आवेदन किए हैं, तब मंैने उन्होंने इस घटना की जानकारी दी है। पुलिस ने जिन दो व्यक्तियों के नाम पर चेक करने की जानकारी दी है वो दोनों नाम से मेरा या निर्माण कार्य का कोई लेना देना नहीं है। बैंक कर्मचारी उद्यान विभागीय कर्मचारी एवं दलाल ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।

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