कोण्डागांव

कोण्डागांव का हस्तशिल्प विदेशी पर्यटकों को कर रहा आकर्षित
25-Nov-2022 9:48 PM
कोण्डागांव का हस्तशिल्प विदेशी पर्यटकों को कर रहा आकर्षित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 25 नवंबर।
कोण्डागांव में सैलानियों की उपस्थिति अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। अन्य राज्यों के अलावा विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में प्रतिदिन यहां पहुंच रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व पोलेंड से आये एक विदेशी पर्यटक पहुंचे थे, जोकि विशेष रूप से यहाँ की हस्तशिल्प कला को देखने आये हुए थे। उन्होंने कोण्डागांवकी सभी हस्तशिल्प कलाओं का अध्यन भी किया और यहां के कार्यों से अभिभूत हुए। 

विशेष ज़ोर देकर यह बताया कि, वे प्रमुख रूप से यहां के हस्तशिल्प कलाओं को देखने आये थे और जितना उन्होंने सोचा था। उससे कहीं ज्यादा यह सुन्दर और आकर्षक है। उन्होंने आगे कहा कि इस कला को और बढ़ावा देने की नितांत आवश्यकता है जिससे हस्तशिल्प और इनके कारीगरों को अधिक से अधिक आयोजन हो सके। उल्लेखनीय है कि, जिले में पहले केशकाल ही अपने जलप्रपातों और प्राकृतिक मनोरम दृश्यों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। परन्तु अब कोण्डागांव की हस्तशिल्प कलाएं जैसे कि, ढोकरा कला, लौह कला, टेराकोटा, तुमा कला। ये सभी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रहा है। जिनसे हस्तशिल्प कारीगरों को भी काफी फायदा हो रहा है। जहां पहले इनके हस्तशिल्पों को बाजार में सही दाम नहीं मिल पा रहा था। वही आज ऑनलाइन माध्यमों से पर्यटक खुद उनके घरों पर आ कर सामान ले जाते हैं।

वर्तमान में पर्यटकों में विशेषत: महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, आँध्रप्रदेश व मध्यप्रदेश राज्यों से आते हैं। जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कई प्रतोयोगिताएं व आयोजन भी करवाये जा रहे हंै। जिसमें युवाओं द्वारा बढ़-चढक़र हिस्सा लिया जाता है। जिले के पर्यटन स्थलों में दस से ज्यादा जलप्रपात, कई प्रागैतिहासिक गुफा शैलचित्र, हिल टॉप व्यू पॉइंट्स, ट्रेकिंग रूट, पांचवी शताब्दी में निर्मित मंदिर, पिकनिक स्पॉट्स, कैंप साईट व संस्कृति प्रेमियों के लिए गोटुल संस्कृति, पारंपरिक अदिवासी नृत्य कलाएं आदि शामिल हैं। कोण्डागांव जिले का महत्त्व वर्त्तमान में ही नहीं बल्कि रामायण काल से बताया जाता हैं। उस काल से संबंधित कई स्थल भी यहंा मौजूद है। जिन्हें जिला प्रशासन की तरफ से बढ़ावा दिया जा रहा है। इन सभी से अलग यहां हर एक स्थल की अपनी एक अलग कहानी और अपनी अलग मान्यताएं भी है जो कि, इन्हें बाकि अन्य जगहों से अलग बनती है।

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