रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 17 वर्षों से एनपीएस में किए गए कटौती की राशि को हजम कर राष्ट्रीय राशि का गबन कर शासकीय राशि का दुरुपयोग करने के कारण एनएसडीएल प्रबंधन कंपनी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत केंद्र और राज्य सरकार को कार्यवाही कर कर्मचारियों के खून पसीने की कमाई को लौट आना चाहिए।
संघ के संरक्षक विजय कुमार झा व संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने केंद्रीय वित्त मंत्री वी सीतारमण एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कर्मचारियों की जमा राशि वापस ना मिलने व केंद्र और राज्य सरकार द्वारा एक दूसरे के ऊपर दोषारोपण करने के कारण प्रदेश के लाखों व हिंदुस्तान के करोड़ों कर्मचारियों की खून पसीने की कमाई का गबन कर चोरी और सीनाजोरी की नीति पर चल रहे हैं। क्योंकि प्रबंधन देश के अंदर है इसलिए करोड़ों राशि का गबन करने के लिए राष्ट्रीय राजकोष में क्षति पहुंचाने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
संघ ने कहा है कि पूर्व में मात्र संपूर्ण सेवाकाल में तीन बार 25 प्रतिशत राशि ही आहरण की सुविधा थी। वह राशि भी केवल कर्मचारी के अंशदान की जमा राशि को आहरण किया जा सकता था। सरकार के अंशदान को नहीं किया जा सकता है। उदाहरणार्थ कर्मचारी का अंशदान 1लाख रू, सरकार का अंशदान 1 लाख कुल 2 लाख में केवल कर्मचारी के अंशदान 1 लाख से 25 हजार की जा सकती थी। जिसे भी राज्य सरकार ने वर्तमान में प्रतिबंध लगा दिया है। इन परिस्थितियों में राज्य के कर्मचारियों के खून पसीने की जमा राशि पर एनएसडीएल कंपनी न ब्याज दे रही है, ना राशि दे रही है। ओ पी एस में जमा राशि पर राज्य सरकार ब्याज व चक्रवृद्धि देती है। किंतु एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक जमा राशि में ना ब्याज और न हीं चक्रवृद्धि ब्याज मिल रहा है। ऐसी स्थिति में दोनों सरकारों को राशि गबन करने वाली एनएसडीएल कंपनी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए। संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी आर चंद्रा, जिला शाखा अध्यक्ष राम चंद ताण्डी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संरक्षक अजय तिवारी, प्रवक्ता विजय डागा आदि नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से की है।