रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27 नवम्बर। रेडियोलॉजी पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस जेल रोड स्थित होटल में आयोजित की गई। इसमें देशभर से रेडियोलॉजी एक्सपर्ट और डॉक्टर्स पहुंचे हैं। पहले दिन इस कार्यक्रम में बच्चों से जुड़ी बीमारियों और उनके डायग्नॉस पर चर्चा चल रही है। नेशनल इण्डियन रेडियोलोजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ अश्फाक अहमद उस्मान और सेक्रेट्ररी प्रोफेसर डॉ आनंद जयसवाल ने बताया कि अक्सर लोग कई मामलों में शरीर के भीतर होने वाली तकलीफों को नजरअंदाज कर रहे हैं, इससे मेडिकल केस बिगडऩे की संभावना बढ़ती है।
डॉ उस्मान ने बताया कि बच्चों के पेट दर्द की समस्या सोसयटी में काफी आम परेशानी है। जब बच्चे को परेशानी होती है तो बहुत से लोग पेट की मालिश करवा देते हैं। ऐसे मामले पिछले कई सालों से शहरों और गांवों में हो रहे हैं। देखा गया है कि मालिश की वजह से बच्चे की पेट का मामूली अपेंडिक्स बड़ा रूप ले लेता है। सर्जरी तक की नौबत आ जाती है। रेडियोलॉजी में ऐसे कई टेस्ट और तकनीक मौजूद है जिससे लोग सही इलाज हासिल कर सकें।
रेडियोलॉजी चिकित्सा क्षेत्र के के एक ऐसी शाखा है जहां मरीजों का अंदरूनी रोगों के बारे में पता लगाया जाता है। जब किसी डॉक्टर को पता नहीं चलता कि मरीजों के शरीर के अंदर क्या हुआ है तब एक्स-रे रेडियोग्राफी, सिटी स्कैन, अल्ट्रा सोनोग्राफी, पीईटी, एमआरआई, आदि टेस्ट करने के लिए कहा जाता है।
रविवार को डॉ मोहम्मद हसन ने बताया कि ये टॉक्स पूरे देश में होते हैं। इस बार मेजबानी का मौका छत्तीसगढ़ को मिला है। बच्चों की ब्रेेन, हार्ट, से जुड़ी आंतरिक बीमारियों की जांच पर पीजीआई चंडीगढ़ समेत, हैदराबाद, रायपुर एम्स जैसे शहरों से देश के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट से यहां 250 एक्सपर्ट्स अपनी स्टडीज शेयर कर रहे हैं।
रविवार को हैदराबाद से डॉक्टर सिकंदर शेख पेड्रियाटिक रेडियोलॉजी क्विज कंपटीशन आयोजित की गई। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज की 12 टीमों ने भाग लिया। एक्सपर्ट ब्रेन,हॉट से जुड़ी विभिन्न बीमारियों पर अपने व्याख्यान भी दिया। कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ एटी दाबके, स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर प्रसन्ना, डीएमई डॉ विष्णु दत्त और डीन डॉक्टर तृप्ति नगरिया भी शामिल हुई।