राजनांदगांव
15 से 40 साल की महिलाएं और बच्चों ने परंपरागत खेलों में दिखाई काबिलियत
‘छत्तीसगढ़’संवाददाता
राजनांदगांव, 28 नवंबर। छत्तीसगढ़ी ओलंपिक में मौका मिलने पर स्कूली जीवन में छात्र के तौर पर खेले गए परंपरागत खेलों में एक बार फिर महिलाओं ने अपना जौहर दिखाया। छत्तीसगढ़ी ओलंपिक में स्थानीय खेलों को शामिल किया गया। जिसमें बिल्लस, फुगड़ी, भौंरा, गेड़ी-दौड़, रॉक बैंड जैसे खेलों में महिलाओं ने रोमांच पैदा कर दिया। आज से शुरू हुए दो दिनी जिला स्तरीय छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेल स्पर्धा में ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने प्रतिभागी के तौर पर अपनी काबिलियत दिखाई। इन महिलाओं ने अपने स्कूली जीवन में इन खेलों में अपनी पकड़ बनाई रखी। आज खेले गए खेलों में उन्होंने अपना हुनर दिखाकर दर्शकों का मन मोह लिया। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ 28 नवंबर ठाकुर प्यारेलाल सिंह स्कूल मैदान में किया गया। कल 29 नवम्बर को शाम 4 बजे छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के जिला स्तरीय कार्यक्रम का समापन होगा।
स्कूली खेलों को खेलने का मिला मौका
ग्राम मोरकुटुम्ब की रहने वाली महिला लीलाबाई कतलाम ने बताया कि बचपन में स्कूली जीवन में खेले गए खेलों को छत्तीसगढ़ी ओलंपिक में एक बार फिर खेलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आज हो रहे इस आयोजन में पुराने खेलों को खेलकर उसे बहुत अच्छा लग रहा है।
पारंपरिक खेलों को मिल रही सराहना
छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेल आयोजन का निरीक्षण करने ठा. प्यारेलाल स्कूल पहुंचे कलेक्टर डोमन सिंह ने कहा कि इस आयोजन को सराहना मिल रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी खेलों का ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह अधिक दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज इस खेल का उद्घाटन हुआ है। वहीं कल 29 नवंबर को समापन किया जाएगा। इस पारंपरिक खेल में उम्रदराज की महिलाएं भी हिस्सा लेकर आनंद उठा रहे हैं।