रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 नवम्बर। बच्चों के साथ लैंगिक अपराध होने के प्रकरणों में उनकी पहचान उजागर करना लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) की धारा 23 का उल्लंघन और दण्डनीय अपराध है। इसका उल्लंघन होने पर 06 माह से 01 वर्ष तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अनेक समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, वेब न्यूज पोर्टल के द्वारा ऐसे मामलों में बच्चों की पहचान उजागर करने पर पुलिस अधीक्षकों को समुचित कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।
आयोग ने ऐसे प्रकरणों में तत्काल संज्ञान लेकर प्रकाशित, प्रसारित समाचार में बच्चे की पहचान उजागर हो जाने की दशा में अविलंब प्रकरण दर्ज कर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई कर आयोग को अवगत कराने कहा है। आयोग ने जनसंपर्क विभाग को पत्र लिखकर मीडिया का ध्यान इस ओर आकर्षित करने और ऐसे समाचारों के प्रकाशन रोकने के लिए कार्रवाई करने का अनुशंसा की है।