बेमेतरा
आरोपी भी नाबालिग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 नवंबर। दस वर्षीय बालिका से रेप व हत्या के मामले को सुलझाते हुए कोतवाली पुलिस ने गांव के ही नाबालिग लडक़े को गिरफ्तार किया है। प्रकरण में पुलिस धारा 450, 376, 376 एबी, 302 भादवि व पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।
कोतवाली प्रभारी अंबर सिंह भारद्वाज ने बताया कि 26 नवंबर को 10 वर्षीय बालिका के फांसी लगाकर आत्महत्या करने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस ने मर्ग कायम कर पंचनामा पश्चात बालिका के शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान मृतिका के साथ रेप कर हत्या की पुष्टि हुई।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में प्रकरण की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया। इसमें बेमेतरा एसडीओपी मनोज तिर्की, बेमेतरा थाना प्रभारी अंबर सिंह भारद्वाज एवं साइबर सेल के स्टाल सम्मिलित रहे ।
टीम ने तुरन्त मौके पर पहुंचकर प्रकरण की विवेचना शुरू की। इस दौरान आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर, पुलिस को पड़ोस के एक लडक़े पर शक हुआ। जिस पर पुलिस ने विधिक प्रावधानों का पालन करते हुए पूछताछ की। इसके बाद उसने गुनाह कबूल कर लिया।
नाबालिग ने अपना गुनाह कबूल करते हुए पुलिस को बताया कि कि वह मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखने का आदी है। उस दिन लडक़ी के घर में जाकर बलपूर्वक पकडक़र रेप किया। बालिका के विरोध करने और पोल खुलने के डर से चुनरी से उसका नाक, मुंह दबा दिया। इससे बालिका बेसुध हो गई और उसी चुनरी से फांसी का फंदा बनाकर कपड़ा सुखाने वाले बांस पर टांग दिया। उसके बाद छत के रास्ते अपने घर चला गया। ताकि आत्महत्या बताया जा सके।
गिरफ्तार नाबालिग को भेजा गया बाल संप्रेक्षण गृह
विधि से संघर्षरत बालक द्वारा अपना जुर्म कबूल करने पर विधिवत न्यायालय के समक्ष पेश किया गया । न्यायिक रिमांड मिलने पर बाल संप्रेक्षण गृह दुर्ग दाखिल कराया गया । इस कार्रवाई में थाना प्रभारी बेमेतरा अम्बर सिंह भारद्वाज, साइबर सेल प्रभारी अरविंद शर्मा, प्रधान आरक्षक रामेश्वर मांडले, मोहित चेलक, प्रधान आरक्षक रविंद्र तिवारी, गोपाल, महेंद्र शर्मा शामिल थे।
छोटी उम्र में शर्मनाक कृत्य और क्रूरता भी
यह खबर उन अभिभावकों के लिए बड़ी चिंता पैदा करने वाली है, जिनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई या शौक़ के लिए के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि बच्चा मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखा करता था। पोर्न वीडियो देखने के बाद उसके दिमाग में निगेटिविटी आती गई और उसने इस छोटी सी उम्र में शर्मनाक घटना को अंजाम दे डाला।