महासमुन्द

पशुचारा के लिए किसानों ने किए 93 हजार क्विंटल से अधिक का पैरादान
29-Nov-2022 5:01 PM
पशुचारा के लिए किसानों ने किए  93 हजार क्विंटल से अधिक का पैरादान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 नवंबर।
जिले में अब तक 93 हजार क्विंटल 93 टन से अधिक पैरादान गौठानों में किया गया है। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि 52 गांवों के 127 किसानों ने अब तक 93.76 टन गौठान में पैरादान किया है। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने किसानों से अपील की है कि फसल कटने के बाद पैरा को एकत्रित करके पशुओं के लिए चारा गौठानों में दान करें।

गौरतलब है कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी अंतर्गत जिले के ग्रामों में बने गौठानों में पशुओं को पर्याप्त चारे की व्यवस्था के लिए पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी किसान स्वयं आगे आकर फसल कटने के बाद पैरा दान कर रहे हैं। इसके लिए विभागीय अमलों के द्वारा किसानों से अपील भी की जा रही हैं। किसानों के द्वारा दान की गई पैरा को गौठान में संग्रहित कर व्यस्थित तरीके से रखा जा रहा है, ताकि लम्बे समय तक पशुओं को चारा मिल सके।

प्रभारी उप संचालक कृषि विभाग अमित मोहंती ने जानकारी दी कि गांवों में ग्रामीणों की बैठक लेकर पैरादान के लिए अपील की जा रही हैं। इससे प्रेरित होकर किसान गौठानों में पैरा उपलब्ध करा रहे हंै। सभी विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारियों एवं ग्राम स्तर के अधिकारी को निर्देशित किया है। कलेक्टर ने कहा हैकि पशुपालन विभाग के अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत सरपंच,उप सरपंच,पंच तथा रोजगार सहायक से संपर्क कर अपने अधीनस्थ क्षेत्र के पैरा को गौठानों में जन सहभागिता को बढ़ावा देते हुए पैरादान के माध्यम से गौठानों में चारे की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।

विभागीय जानकारी मुताबिक जिले के विभिन्न गांवों में बेलर मशीन द्वारा मिजाई के बाद कृषक पैरा को गौठानों में दान कर रहे हैं। दान के पैरे को गौठानों में सुरक्षित रखा गया है। धान कटाई व मिंजाई इस समय जिले के गांवों में जारी है। किसान बेलर मशीन से पैरा एकत्र करने का काम कर रहे हैं। ताकि पशुओं को चारा मिल सके। किसानों को बेलर मशीन दिलाने का श्रेय कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग को जाता है। 

बेलर मशीन न होने की हालत में किसान हार्वेस्टर से फसल कटाई के बाद पैरा एकत्रित करने में अधिक परेशान होते हैं। कई किसान पैरा खेत में ही जला देते हैं। इस पर सरकार ने पूरी तरह प्रतिबंध लगाई है। इसके विकल्प के रूप में बेलर मशीन से पैरा एकत्रित करते हैं। इससे किसानों को प्रदूषण से मुक्ति और सरकार की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरूआ, घुरूवा एवं बाड़ी के तहत गौठान ग्राम के लिए आसानी से पैरा भी उपलब्ध हो रहा है। 

कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बेलर मशीन पैरा को इक_ा कर बंडल बना देता है। जिसे किसान पैरा एकत्रित कर स्वयं के ट्रैक्टर ट्राली से गौठान में इक_ा कर रहे हैं। इससे अन्य कृषकों को भी प्रेरणा मिल रहा है। 

 

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