रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 नवम्बर। छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी रविशंकर श्विश्वविद्यालय की अध्ययनशाला के साथ विश्वविद्यालय के कला भवन में दो दिवसीय च्मुक्तिबोध प्रसंग मंगलवार को शुरू हुआ। उद्घाटन सत्र को प्रसिद्ध कवि लाल्टू व वरिष्ठ आलोचक जयप्रकाश संबोधित किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्विवद्यालय के कुलपति केशरीलाल वर्मा ने किया। इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण सत्र हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गजानन माधव मुक्तिबोध और उनके छोटे भाई व मराठी के प्रसिद्ध साहित्यकार शरच्चंद्र माधव मुक्तिबोध के आपसी पारिवारिक, साहित्यिक और वैचारिक संबंधों पर आधारित रहा। ‘मुक्तिबोध और मुक्तिबोध गजानन माधव और शरच्चंद्र माधव’ शीर्षक से आयोजित इस सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार श्रीपाद भालचंद्र जोशी, साहित्यकार व पर्यावरणविद् प्रदीप मुक्तिबोध और कवि व आलोचक प्रफुल्ल शिलेदार ने अपनी बात रखी। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने किया। आज शाम साढ़े छह बजे संस्कृति भवन के सभागार में नागपुर के मेराकी परफार्मिंग आर्ट द्वारा तैयार और सराहे गए नाटक ब्रम्हराक्षस का मंचन भी होगा। इसका निर्देशन ख्यात रंगकर्मी मंगला सानप ने किया है।
कल के सत्र में मुक्तिबोध की कविताओं पर विमर्श सत्र ‘आवेग-त्वरित-काल-यात्री’ और उनके रचनात्मक व आलोचनात्मक अवदान पर केंद्रित सत्र ‘अंधेरे में रोशनी मुक्तिबोध’ आयोजित किया जाएगा. इन सत्रों में शामिल वक्ताओं में कवि-कहानीकार बसंत त्रिपाठी, कवि व आलोचक मृत्युंजय, आलोचक अमिताभ राय, कवि मिथलेश शरण चौबे, दर्शनशास्त्री पंकज श्रीवास्तव, युवा आलोचक कामिनी और युवा आलोचक भुवाल सिंह ठाकुर शामिल हैं।
इन सत्रों की अध्यक्षता साहित्य व भाषा अध्ययनशाला की प्राध्यापक शैल शर्मा और मधुलता बारा करेंगी। कार्यक्रम के दौरान एक कवि गोष्ठी का आयोजन भी रखा गया है जिसमें लाल्टू, नवल शुक्ल, विजय सिंह, प्रफुल्ल शिलेदार, पथिक तारक, भास्कर चौधुरी, बसंत त्रिपाठी, मिथलेश शरण चौबे और मृत्युंजय कविता पाठ करेंगे।