दुर्ग
स्वास्थ्य अधिकारी के बयान से निगम की राजनीति में उबाल
गलत व्यक्ति को सफाई ठेका कैसे और क्यों दिया-बिचपुरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 1 दिसंबर। यदि निगम में नेता प्रतिपक्ष के कहने पर टेंडर दिया जा सकता है, तो मैं अपनी संपत्ति बेंच कर सफाई कर्मियों के वेतन का भुगतान करूंगा और यदि ऐसा नहीं है तो स्वास्थ्य अधिकारी पर तत्काल निगम प्रशासन कार्रवाई करे। यह बयान नगर निगम में हालिया घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन ने दिए हैं।
इससे पूर्व निगम के स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा के बयान ने निगम की राजनीति में तूफान ला दिया है। उन्होंने कल सैकड़ों लोगों के सामने यह कह दिया कि तात्कालीन नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन के दबाव में सफाई का ठेका गलत रमन नामक व्यक्ति को दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारी के इस बयान का भाजपा नेता रिकेश सेन ने जहां कड़ा विरोध किया वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष ब्रिजेश बिचपुरिया इस बयान पर भडक़ते हुए बोले कि आपने नेता प्रतिपक्ष के दबाव में टेंडर क्यों और कैसे दे दिया?
दरअसल कल दोपहर खुर्सीपार क्षेत्र के पार्षद दया सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष ब्रिजेश बिचपुरिया सफाई कर्मियों को दो महीने से वेतन न मिलने के मामले में निगम में विरोध करने पहुंचे थे। उन्होंने सकैड़ों की संख्या में सफाई कर्मियों को लेकर निगम कार्यालय का घेराव भी किया और निगम आयुक्त कार्यालय के सामने बैठ नारेबाजी करने लगे तभी प्रदर्शनकारियों को समझाने अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी और स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा पहुंचे। सफाई कर्मियों ने आरोप लगाया कि नेचर ग्रीन के समय उन्हें कोई परेशानी नहीं थी, जब से सफाई का ठेका रमन को मिला है उन्हें न तो समय पर वेतन मिलता है और न ही ईएसआईसी और ईपीएफ दिया जा रहा है।
इतना सुनते ही धर्मेंद्र मिश्रा ने बयान दे दिया कि उन्होंने सफाई का टेंडर नेचर ग्रीन को ही दिया था लेकिन तात्कालीन नेता प्रतिपक्ष रिकेश सेन विरोध में धरने पर बैठ हमारी गाड़ी पोछने लगे, सारे अधिकारियों की गाड़ी पोछने लगे। वह मांग कर रहे थे कि नेचर ग्रीन को सफाई ठेका न दिया जाए। इतना सुनते ही भाजपा के जिलाध्यक्ष ब्रिजेश बिचपुरिया भडक़ गए और उनके पूछा कि रिकेश सेन के कहने पर आपने टेंडर क्यों दे दिया। इस बयान के बाद देखते ही देखते निगम में राजनीति गरमाने लगी और आरोप प्रत्यारोप का दौर सा चल पड़ा।
निगम के महापौर नीरज पाल ने प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा के दिए बायान को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि उन्हें एक संवैधानिक पद में रहते हुए ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। निगम के टेंडर नियमों के तहत होते हैं, इस तरह किसी के कहने या दबाव बनाने से टेंडर नहीं होता।
वहीं भाजपा पार्षद रिकेश सेन का कहना है कि जिस समय सफाई का ठेका हुआ है उस समय दुर्ग कलेक्टर को प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया था। उस समय न कोई पार्षद था न महापौर और न नेता प्रतिपक्ष। टेंडर दुर्ग कलेक्टर के द्वारा नियम के तहत किया गया है। उस प्रक्रिया पर सवाल उठाना पूरी तरह से गलत है। रही बात गाड़ी पोछने और विरोध प्रदर्शन की तो वह सफाई कर्मियों के ईपीएफ और ईएसआईसी का पैसा न दिए जाने को लेकर उन्होंने किया था।