सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,1 दिसंबर। तंत्रयोगी श्री श्री 108 निर्वाण श्री दर्शनमुनी उदासीन नागा बाबा कमौली वाले का 1 दिसंबर को निधन हो गया। उनके काफी सारे भक्त अम्बिकापुर में हंै, उनमें से एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्याम लाल जायसवाल ने गहरा शोक जताया है।
श्याम लाल जायसवाल ने बताया कि गुरूदेव श्री श्री 108 निर्वाण श्री दर्शनमुनी उदासीन नागा बाबा (कमौली वाले) हठयोग एवं राजयोग साधना के सिद्ध महायोगी हैं एवं भारत के सिद्ध तपस्वि योगियों में इनका नाम सर्वोपरि है। आपने सामान्यत: असम्भव सी प्रतीत लगने वाली अनेक साधनाओं के द्वारा अनेक सिद्धियाँ प्राप्त कीं -जैसे एक सौ अ_ाईस दिवस तक निरंतर निर्जला निराहार रहकर ‘काष्टवत समाधि तप साधना’ जो कि, हठयोग की एक उच्चस्तरीय साधना मानी जाती है, को सिद्ध किया।
इस साधना में निर्जला, निराहार एवं एक ही स्थिति में काष्टवत् स्थिर होना होता है। हठयोग के अन्य साधनाएँ जैसे 85 दिवस की पंचाग्नी तप तथा कड़ाके की ठंड में 60 दिवस प्रतिदिन 108 घड़े की जलधारा की साधना अनेकों बार पूर्ण किए।
अपने गुरू के निर्देश पर कामाख्या तंत्र पीठ में अनेक वर्षों तक कठोर तंत्र साधना पूर्ण कर महातंत्रयोगी के रूप में प्रतिष्ठित हुए तथा उदासीन संत समाज द्वारा ‘तंत्र सम्राट’ की उपाधि से विभूषित हुए।