सरगुजा
अंबिकापुर,1 दिसंबर। वन अधिकार की धारा 4 (4) में उल्लेखित शर्त का उल्लंघन करने के कारण महामाया पहाड़ में 7 व्यक्तियों के पट्टे को निरस्त कर दिया गया है। ज्ञात हो कि यह मामला न सिर्फ सरगुजा अपितु पूरे छत्तीसगढ़ का पहला मामला है, जिसमें 7 वन अधिकार पट्टे को निरस्त किया है।
वन परिक्षेत्राधिकारी अम्बिकापुर गजेन्द्र दोहरे ने वन मण्डलाधिकारी सरगुजा के आदेश पर इन सातों व्यक्तियों को 23 नवंबर 2022 के माध्यम से बेदखली का आदेश पारित कर दिया है।
इस मामले में भाजपा पार्षद आलोक दुबे द्वारा गत वर्ष 2021 में महामाया पहाड़ खैरवार बधियाचुआ में वन अधिकार का पट्टा प्राप्त 7 व्यक्तियों के द्वारा अपने वन अधिकार मान्यता पत्र का शर्तों का उल्लंघन करते हुए अपने वन अधिकार पट्टे की जमीन को स्टांप के माध्यम से अन्य राज्यों की व्यक्तियों को बेचने की शिकायत की गई थी। जिस पर तत्कालीन कलेक्टर सरगुजा संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति ने शिकायत की जांच कराई एवं सही पाकर दिनांक 31 जनवरी 2022 को आदेश देकर वन अधिकार की धारा 4 (4) में उल्लेखित शर्त का उल्लंघन करने के कारण इन 7 व्यक्तियों के पट्टे को निरस्त कर दिया।
इसी परिपेक्ष्य में वन परिक्षेत्राधिकारी अम्बिकापुर गजेन्द्र दोहरे द्वारा वन मण्डलाधिकारी सरगुजा के आदेश पर इन सातों व्यक्तियों के विरुद्ध बेदखली का आदेश पारित किया है।
पार्षद आलोक दुबे ने कलेक्टर सरगुजा एवं वन मंडलाधिकारी सरगुजा से आग्रह करते कहा है कि तत्काल वन आच्छादित महामाया पहाड़ को बचाने के लिए इन 7 व्यक्तियों के निरस्त पट्टों पर काबिज व्यक्तियों को तत्काल बेदखल कर इस वन क्षेत्र को सुरक्षित करें। ऐसा करने पर वन अधिकार पट्टा एवं उसको बिक्री करने वालों में एक भय पैदा होगा और भविष्य में लोग वन अधिकार पट्टा अपना नहीं बेचेंगे।