दुर्ग
मामला अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में बाधा और बहस कर शांति भंग करने के प्रयास का
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 3 दिसंबर। दुर्ग नगर निगम प्रशासन ने कांग्रेस विधायक अरुण वोरा समर्थक सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। आरोप है कि निगम आयुक्त व प्रशिक्षु आईएएस लक्ष्मण तिवारी की अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का विरोध करते हुए ये लोग कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। इन्होंने निगम कमिश्नर सहित कर्मचारियों और अधिकारियों से काफी विवाद भी किया था।
गौरतलब हो कि विगत दिनों अतिक्रमण पर कार्रवाई को रोकने को लेकर विधायक अरूण वोरा की भी कमिश्नर से बहस हुई थी लेकिन उन्होंने किसी की एक नहीं सुनी और कार्रवाई को जारी रखा था। बाद में भानुप्रतापपुर चुनाव प्रचार से लौट विधायक ने दुर्ग कलेक्टर से शिकायत करते हुए ऐसी कार्रवाई का विरोध जताया था। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अधिकारी ऐसा मनमाना काम करेंगे तो वो खिलाफ में जनता के साथ सडक़ पर उतरने विवश होंगे।
दुर्ग निगम प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक अतिक्रमण को लेकर की जा रही कार्रवाई के दौरान शांति भंग कर कार्य में बाधा पहुंचाने वाले चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई आयुक्त प्रशिक्षु आईएएस लक्ष्मण तिवारी निर्देश पर की गई है।
वहीं निगम आयुक्त लक्ष्मण तिवारी ने बताया कि नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के तहत बीते दिनों जब वो अन्य अधिकारी और निगम टीम के साथ गांधी चौकपहुंचे तो वहां अतिक्रमण को तोडऩे के दौरान दुर्ग विधायक वोरा के समर्थक और कांग्रेस नेता प्रमोद पांडेय निवासी आदर्श नगर दुर्ग, सुनील गोधा जैन बुटीक के संचालक पोटिया रोड दुर्ग और ज्ञानचंद गोधा, मारोटी बर्तन दुकान के संचालक मनीष मारोटी वहां पहुंच गए और हल्ला करने लगे। शोर शराबा सुनकर बड़ी संख्या में व्यापारी इक_ा हो गए और उनके द्वारा कार्रवाई में बाधा पहुंचाते हुए निगम आयुक्त और कर्मचारियों से बहस की गई। इसके बाद निगम प्रशासन द्वारा पुलिस को पत्र लिखकर निगम की कार्रवाई के दौरान शांति भंग का मामला दर्ज करने कहा गया था।
अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई पिछले एक सप्ताह से लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इस दौरान दुर्ग के बड़े बड़े पहुंच वालों तक की नहीं चल रही है। नालियों के ऊपर स्लैब, सीमा से अधिक निर्माण सभी को तोड़ा जा रहा है और यह जरूरी भी है। विदित हो कि इस झगड़े के बाद दुर्ग विधायक अरुण वोरा ने भी कार्रवाई को रोकने के लिए आयुक्त पर दबाव बनाया था। आयुक्त ने विधायक को दो टूक शब्दों में हस्तक्षेप न करने की बात कही थी। इस पर दोनों के बीच काफी बहस हुई। जब आयुक्त ने विधायक की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और कार्रवाई जारी रखी तो विधायक वहां से नाराज होकर चले गए थे।
यह बात कई दिनों तक पूरे जिले में चर्चा का विषय रही कि विधायक वोरा शहर की व्यवस्था के खिलाफ हैं। उन्होंने अतिक्रमण पर कार्रवाई को रोकने का दबाव बनाया, लेकिन अधिकारी ने उनकी एक नहीं सुनी। फिर अरूण वोरा कलेक्टर से भी इस मुद्दे पर मुलाकात कर अपना विरोध जाहिर करते हुए कहा था कि ऐसी कार्रवाई से वो आहत हैं, इस पर तत्काल रोक लगे।
विधायक अरूण वोरा ने कहा कि वो व्यवस्था के खिलाफ नहीं हैं, यदि कहीं पर अतिक्रमण हुआ और वहां कार्रवाई करना है तो पहले व्यापारी या संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी की जानी चाहिए। कार्रवाई से पहले क्षेत्र के विधायक और जनता को अपने पक्ष में लेना चाहिए, तब कार्रवाई करनी चाहिए।