रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 दिसंबर। आरक्षण को लेकर भाजपा ने एक नई मांग छेड़ दी है। भाजपा का कहना है कि अनुसूचित जाति को 16त्न और आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10त्न तक आरक्षण मिलना चाहिए।
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस लेते हुए नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सत्ता पक्ष में जल्दबाजी में आरक्षण बिल पेश किया है। न कोई होमवर्क किया न कोई तैयारी। विपक्ष की बात को भी नहीं सुना गया ।बहुमत का दुरुपयोग करते हुए आरक्षण बिल पेश कर दिया गया। चंदेल ने कहा है कि कांग्रेस का दावा है कि पटेल आयोग के डाटा के आधार पर आरक्षण में संशोधन किया गया है। और सदन में डाटा ही पेश नहीं किया गया जिसके आधार पर चर्चा होनी थी।
नारायण चंदेल ने कहा कि हमने राज्य सरकार से मांग की है कि आदिवासियों को 32 प्रतिशत अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत ओबीसी वर्ग को 27 और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए मौजूदा व्यवस्था में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को 13 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को सिर्फ 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है हम इसे लेकर कानूनी सलाह ले रहे हैं।
चंदेल ने नौवीं अनुसूची में संकल्प भेजे जाने को लेकर भी आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आरक्षण संबंधी कानून बनाने का पूरा अधिकार है फिर जानबूझकर नवमी अनुसूची का बहाना बनाकर मामला केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है।
ब्राह्मणों के लिए भी आरक्षण दिया जाए
दूसरी ओर जोगी कांग्रेस के विधायक प्रमोद शर्मा ने ब्राह्मणों को भी आरक्षण देने की मांग की है। शर्मा ने यह मांग बकायदा विधानसभा में उठाई। उन्होंने कहा कि इस सदन में 10 प्रतिशत ब्राह्मण सदस्य हैं फिर भी सदन में ब्राह्मण आरक्षण की बात नहीं हो रही,यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ब्राह्मणों की इस प्रदेश में दयनीय स्थिति है। ये सरकार भी ब्राह्मण विरोधी है।
राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है -रमन सिंह
शुक्रवार को पारित आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल अनसुइया उइके के बयान के इतर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा है कि राज्यपाल ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। भानुप्रतापपुर में प्रचार के लिए गए डॉ. सिंह ने कहा कि विधेयक में तकनीकी दिक्कतों की वजह से हस्ताक्षर नहीं हुआ है। राज्यपाल के इस पर राय लेते तक चुनाव हो जाएंगे। इससे पहले उइके ने राजधानी में सुबह मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि विधेयक लाने के लिए मैंने ही राज्य सरकार को कहा था और वह लाए तो मैं निश्चित रूप से उसमें साइन करूंगी सोमवार तक साइन कर दूंगी अभी छुट्टी चल रहा है और मेरे कानूनी सलाहकार अभी छुट्टी में है 2 दिन छुट्टी है जिसके बाद मैं सेंड कर दूंगी। आरक्षण विधेयक को लेकर राज्यपाल का बयान कहा जब विधेयक आता है तो विधेयक के बारे में उसका परीक्षण किया जाता है और जो प्रोसीजर होता है जानने के बाद सचिवालय से लीगल एडवाइजर उन सारी चीजों को फिर मेरे को पास आखिरी में भेजते हैं कभी भी ऐसा नहीं होता है कि तत्काल साइन हो जाए।
तो मैंने मंत्रियों को कहा है कि यह पहल मैंने ही किया था कि आप विशेष सत्र या अध्यादेश लाये और राज्य सरकार लेकर आए और निश्चित रूप से मेरा सकारात्मक सहयोग मिलेगा और सभी शासन को राज्य सरकार को और विपक्ष के जितने भी राजनीतिक दल को धन्यवाद देती हूं । आपने आरक्षण बढ़ाया है पहले 58 था और से बढ़ाया है। आज छुट्टी है और जो अधिकारी छुट्टी में है और इस पर सोमवार तक मैं साइन कर दूंगी। राज्यपाल ने कहा कल संडे है अधिकारी छुट्टी पर है।जैसी इसका नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा मेरा साइन हो जाएगा । उसके बाद ऐ सारी चीजें शुरू हो जाएगी और मैंने कहा कि जितने भी जहां-जहां रुका हुआ है वह शुरू हो जाए यह सारी प्रक्रिया विधेयक पास होने के बाद नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सिग्नेचर हो जाएगा मेरा और जो संभाग स्तर जिला स्तर पर जनसंख्या के आधार पर हो जाएगा।