बस्तर

जगदलपुर, 3 दिसंबर। जिलाध्यक्ष / इविप्रा उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में विधानसभा में संशोधित आरक्षण विधेयक प्रस्तुत करने की मंजूरी दी गई थी. इसके जरिए सरकार अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी, अनुसूचित जाति को 13 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देना तय किया है. वहीं सामान्य वर्ग के गरीबों को 4 फीसदी आरक्षण देने की बात कही जा रही है, यह कांग्रेस की भूपेश सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है।
श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ वासियों को दिग्भ्रमित करने वाली भाजपा बैकफुट पर आई। इतिहास गवाह है कांग्रेस ने जो कहा है सो किया है। कांग्रेस की भूपेश सरकार की लोकप्रियता उनके कार्यशैली से उस बुलंदियों पर पहुंच चुकी है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
छत्तीसगढ़ में सभी समाजों को अधिकार देकर भूपेश सरकार राम राज्य की कल्पना को साकार करने जा रही है। राम राज्य की कल्पना की मूल अवधरणा में सभी के लिए न्याय की बात थी. जहां राजा सभी के कल्याण के लिए नीतियां बनाकर बराबरी सम्मान और प्रगति के लिए कार्य करता हो। राम के आदर्शों पर चलते हुए भूपेश बघेल ने दो दिसंबर को न्याय और बराबरी की पहल कर जनता को उनका अधिकार दिला रहे हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में 2 दिसंबर मील का पत्थर साबित हुआ है. छत्तीसगढ़ का राजनीतिक निर्माण 1 नवंबर सन 2000 को जरूर किया गया, पर यहां की संपूर्ण जनता को उनका अधिकार 2 दिसंबर 2022 को मिला। संवेदनशील मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच का परिणाम है कि विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ावर्ग सहित अन्य वर्गों को फायदा पहुंचाने वाला संशोधित विधेयक पास हुआ दूसरी तरफ भाजपा ने आदिवासियों व अन्य वर्गों को दिग्भर्मित कर उनकी हमेशा उपेक्षा की है।