रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 दिसंबर । प्रदेश के अस्पतालों को स्वास्थ्य योजनाओं की राशि का नियमित भुगतान नहीं हो पा रहा है। अस्पतालों का चार से पांच महीने का भुगतान लंबित है। जबकि इलाज के बाद 21 दिनों के भीतर भुगतान का प्रावधान है। सरकारी योजनाओं के मद की राशि जारी करने में विलंब पर निजी हास्पिटल बोर्ड ने सीईओ, डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा एवं आयुष्मान भारत योजना को पत्र लिखा है, और शिकायतों के निपटारे की मांग की है।
बताया गया कि हॉस्पिटल से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की मीटिंग पिछले तीन साल से नहीं हुई है। हाल यह है कि फरवरी, और मार्च 22 से राज्य की स्वास्थ्य योजनाओं का भुगतान अनियमित और संतोषजनक नहीं है। इससे विशेषकर छोटे अस्पतालों को समस्याएं आ रही है।
हॉस्पिटल बोर्ड के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि विभिन्न जिलों के सदस्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला स्तरीय निवारण समिति में सहमति के आधार पर केस अपू्रवल होने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में जिला शिकायत निवारण समिति द्वारा अपू्रव्ड, लेकिन पेंडिंग केसेस का निपटारा किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जिला शिकायत निवारण समिति में सहमति न बन पाने के कारण राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक का प्रावधान राज्य की योजनाओं में किया गया है, लेकिन पिछले 3 वर्ष से इस राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक नहीं होने की जानकारी मिली है। जिला स्तर की सभी शिकायत निवारण समितियों द्वारा राज्य स्तर पर भेजे गए पेंडिंग केस की सुनवाई कर उनके निराकरण की जरूरत है। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य योजनाओं के सीईओ डॉ. श्रीकांत राजिमवाले से चर्चा की कोशिश की गई। किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया।