रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 दिसंबर। केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का भुगतान न होने से प्रदेश के छोटे अस्पतालों की हालत बहुत खराब है। भुगतान को लेकर स्टेट नोडल एजेंसी के अधिकारी बहुत गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं। इससे इन अस्पतालों को बंद करने की स्थिति आ रही है। जबकि ये अस्पताल ही दूरस्थ इलाकों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। सरकार ने एक -डेढ़ वर्ष पहले ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सिंग होम खोलने प्रस्ताव मांगे थे। इसे लेकर किसी ने भी उत्साह नहीं दिखाया। निजी अस्पतालों के संचालकों का कहना है कि अभी जहां ये अस्पताल चल रहे उन्हें भी सरकार का अमला सहयोग नहीं कर रहा है। महीनों से सरकारी भुगतान नहीं किया गया है।हालत यह है कि शहीद हॉस्पिटल दल्ली राजहरा ने पिछले दो माह से अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने में असमर्थता जताई है। इनका करीब 3.50 से 4 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है। अस्पताल प्रबंधन का दवा, उपकरणों की उधारी और बकाया वेतन का बोझ बढ़ता जा रहा है। इनका अकेले स्थापना व्यय ही 27 लाख से अधिक का है। प्रबंधन का कहना है कि वे सरकार की योजनाओं को ईमानदारी और गंभीरता से चलाना चाहते हैं लेकिन भुगतान समय पर नहीं हो रहा। भेजे गए रिएंबर्स बिलों का 10 फीसदी ही , कभी 70-80 हजार कभी 1 लाख दिया जा रहा है।